नई दिल्ली। आतंकवाद का रास्ता छोड़कर सेना में शामिल होने वाले लांस नायक नजीर वानी को अशोक चक्र अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अशोक चक्र शांति काल के दौरान प्रदान किया जाने वाला भारत का सर्वोच्च वीरता सम्मान है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि 38 वर्षीय वानी कुलगाम के अश्मुजी के रहने वाले थे। वह 25 नवंबर को भीषण मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे।
आपको बता दें कि वानी घाटी में आतंकियों के साथ हुई एक मुठभेड़ में शहीद हुए थे। तब उन्होंने दो आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। अशोक चक्र शांति के समय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। इस बाबत राष्ट्रपति के सचिवालय की ओर से प्रेस रिलीज जारी की गयी है। जिसमें कहा गया है कि लांस नायक नजीर अहमद वानी ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए दो आतंकियों को ढेर कर दिया और साथ ही उन्होंने अपने घायल साथियों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम किया। ऐसा करने के क्रम में वे शहीद हो गये।
जिस एनकाउंटर में वानी शहीद हुए थे, उसमें सुरक्षाबलों ने छह आतंकियों को मार गिराया था। आतंक छोड़कर आत्मसमर्पण करके भारतीय सेना को ज्वाइन करने वाले वानी को साल 2007 में वीरता के लिए सेना का मेडल भी दिया जा चुका है। वानी कुलगाम तहसील के चेकी अश्मूजी गांव के रहने वाले थे। लांस नायक नजीर अहमद वानी के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत वर्ष 2004 में टेरिटोरियल आर्मी से की थी। उन्हें सुपुर्द-ए-खाक के वक्त 21 तोपों की सलामी दी गई थी। बता दें, दक्षिण कश्मीर में स्थित कुलगाम जिला आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है।