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कश्मीरी पत्रकारों को धमका रहा तुर्की में बैठा लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी, रिपोर्ट में खुलासा, देखें हिट लिस्ट

कश्मीरी पत्रकारों (Kashmiri Journalists) को मिल रही धमकियां (Threats) मिल रही हैं। इसका मास्टरमाइंड आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताएबा (Organization Lashkar-e-Taiba) का आतंकी मुख्तार बाबा (Terrorist Mukhtar Baba) है। तुर्किये से अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे बाबा ने केंद्रशासित प्रदेश के पत्रकारों पर सुरक्षाबलों (Security Forces) का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए एक हिट लिस्ट तैयार की है।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्‍ली । कश्मीरी पत्रकारों (Kashmiri Journalists) को मिल रही धमकियां (Threats) मिल रही हैं। इसका मास्टरमाइंड आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताएबा (Organization Lashkar-e-Taiba) का आतंकी मुख्तार बाबा (Terrorist Mukhtar Baba) है। तुर्किये से अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे बाबा ने केंद्रशासित प्रदेश के पत्रकारों पर सुरक्षाबलों (Security Forces) का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए एक हिट लिस्ट तैयार की है।

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इसका खुलासा एक खुफिया रिपोर्ट में किया गया है। बाबा के साथ ही उसके संपर्क में रहने वाले छह अन्य लोगों पर शक है। लश्कर के सहयोगी गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट ( TRF) की ओर से धमकी मिलने के बाद कई पत्रकार स्थानीय प्रकाशनों से हाल में इस्तीफा दे चुके हैं।

पुलिस के अनुसार, हिट लिस्ट के सामने आने के बाद आतंकवाद निरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत एफआरआई दर्ज की गई है और मामले की जांच की जा रही है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर एक खुफिया आकलन से पता चला है कि बाबा तुर्किये से अकसर पाकिस्तान जाता रहता है। वह ही लश्कर-ए-ताइबा (LET) की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के बैनर तले आतंकवाद के लिए घाटी में युवाओं को तैयार करने, फर्जी कहानी बनाने और प्रचारित करने के कारनामों का सरगना है।

हिजबुल्ला से जुड़ा रहा, पाकिस्तानी और आतंकी बनाने को मजबूर करने के लिए कुख्यात

मूल रूप से श्रीनगर निवासी मुख्तार बाबा तुर्किये के अंकारा भागने से पहले नौगाम में शिफ्ट हो गया था। सूत्रों ने बताया कि उसने पत्रकारों के बीच मुखबिरों का एक नेटवर्क बनाया है, जिनके इनपुट के आधार पर उसने हिट लिस्ट तैयार की है। वह 1990 के दशक में आतंकी गुट हिजबुल्ला से जुड़ा और हिजबुल्ला से जुड़ी 40 एके सीरीज राइफलों को अन्य आतंकवादी गुटों को बेचने में शामिल पाए जाने के बाद उसे गुट से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद वह मसरत आलम के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग से जुड़ा रहा। वह घाटी में पत्रकारों और मीडिया संगठनों को रिपोर्टिंग और ओपिनियन में पाकिस्तानी और आतंकवादी लाइन लेने को मजबूर करने के लिए कुख्यात है।

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घाटी के चार संगठनों के साथ पत्रकार के रूप में भी किया था काम

सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर में कई अलगाववादी गुटों के साथ सक्रिय रहने के दौरान वह हमेशा पाकिस्तानी एजेंसियों का करीबी रहा है। बाबा सोशल मीडिया पर भी सक्रिय है और विदेशी एजेंसियों के इशारे पर अपने मकसद को आगे बढ़ाने की कोशिश करता है। 55 वर्षीय मुख्तार बाबा ने पहले घाटी के चार संगठनों के साथ एक पत्रकार के रूप में काम किया था और कश्मीर में मीडिया के माहौल से बखूबी परिचित है।

इन पर दर्ज किया है मामला

श्रीनगर पुलिस ने 12 नवंबर को कहा था कि कश्मीर में स्थित पत्रकारों और रिपोर्टरों को धमकी भरे पत्र के ऑनलाइन प्रकाशन और प्रसार के लिए आतंकी संगठन लश्कर (Lashkar-e-Taiba) और उसके सहयोगी गुट टीआरएफ (TRF) के हैंडलर्स, सक्रिय आतंकवादियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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