लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में लॉ परीक्षा में धांधली की सूत्रधार लॉ छात्रा डॉ. रिचा मिश्रा पर अभी तक कार्रवाई की हिम्मत पुलिस नहीं जुटा पाई है। पर्चा लीक प्रकरण की जांच कर रही एसटीएफ भी इस मामले से जुड़े प्रोफसर से पूछताछ कर सुबूत जुटाए लेकिन रिचा से पूछताछ नहीं कर पाई। सूत्रों की माने तो लॉ छात्रा पर रसूखदरा और सफेदपोश लोगों का हाथ है, जिसके कारण उससे पूछताछ नहीं हो पा रही है।
वहीं, एसटीएफ ने सोमवार को ऑडियो वायरल को लेकर वहां के प्रोफेसर समेत अन्य लोगों को नोटिस देकर बुलाया था और उनसे पूछताछ की। एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि डॉ. रिचा मिश्रा से हुई बातचीत के बारे में जानकारी मांगी गई थी। सोमवार देर शाम तक छह लोगों के बयान दर्ज किए गए।
एसटीएफ के बुलाए पर इस मामले मेंं फंसे प्रोफेसर अशोक सोनकर, डीन फैकल्टी सीपी सिंह, प्रोफेसर आरके सिंह और विनित वर्मा भी एसटीएफ कार्यालय पहुंचे थे। एसटीएफ ने सभी को अलग-अलग बुलाकर बयान दर्ज किए। वहीं, इस दौरान एसटीएफ पता लगाने में जुटी थी कि आखिर बातचीत का ऑडियो किसने वायरल किया था?
रसूख के चलते वीसी से लेकर प्रोफसेर तक पहुंची रिचा मिश्रा
सूत्रों की माने तो लॉ परीक्षा में धांधली की जांच कर रही एसटीएफ भी शेखर अस्पताल की संचालिका व लॉ छात्रा डॉ. रिचा मिश्रा के रसूख के बारे में जानकारी है। ऐसे में जांच में किसी निष्कर्ष पर पहुंचना बहुत जल्दबाजी होगा लेकिन विवि में इसको लेकर तमाम चर्चांए हो रहीं हैं। कुलपति एसके शुक्ला, लॉ के आरोपित प्रोफेसर आरके सिंह अशोक सोनकर और शेखर अस्पताल की संचालिक डॉ. रिचा मिश्रा को रसूखदार कहा जा रहा है। सूत्रों की माने तो रिचा मिश्रा के संपर्क अफसरों से लेकर सफेदपोश लोगों तक हैं, जिसके कारण वह आसानी से विवि के कुलपति से लेकर प्रोफेसर तक सीधे संपर्क में थी।