लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविन्द चैधरी ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोविड-19 संक्रमण से निपटने के प्रबन्धों पर सवाल उठाते हुए सरकारी तंत्र पर गम्भीर आरोप लगाये हैं।
चौधरी ने पत्र में कहा है कि प्रदेश में कोविड-19 की जांच क्षमता नाकाफी है। अगर पर्याप्त संख्या में जांच की व्यवस्था हो तो मरीजों की सही संख्या सामने आयेगी और इसे भयावह स्थिति तक पहुंचने से रोका जा सकेगा। उन्हें पता चला है कि उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों द्वारा जानबूझकर वास्तविक संक्रमितों की संख्या छुपाई जा रही है। यहां तक कि वास्तविक आंकड़े छुपाने के लिए प्रशासन द्वारा शवों का चुपचाप अंतिम संस्कार कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर ये खबरें सही हैं तो बेहद खतरनाक एवं आत्मघाती हैं। जो लोग कोरोना से मौतों को छुपा रहे हैं, वे समाज के दुश्मन हैं। सरकार को काफी सचेत रहने की आवश्यकता है।
आंकड़ों के खेल से संक्रमितों की संख्या छुपाने से कोरोना नहीं जायेगा, उल्टे और भयंकर स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। सपा नेता ने कहा कि प्रदेश में 10 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को लाया जा रहा है। उनमें कोविड-19 से ग्रस्त लोगों की संख्या काफी होना स्वाभाविक है, क्योंकि अधिकांश प्रवासी ऐसे स्थानों से आ रहे हैं, जहां कोविड-19 का प्रभाव व्यापक स्तर पर है। ऐसे में उत्तर प्रदेश को रूस की तरह अपने यहां टेस्टिंग क्षमता बढ़ानी होगी।
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की कोई योजना और पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। विशेष रेलगाड़ियों से भेजे जाने वाले लोगों से तीन गुना तक किराया वसूला गया है जो बहुत ही निन्दनीय है। अगर सरकार सहायता फण्ड में करोड़ों रूपये दिये जाने के बावजूद दिवालिया हो गयी है तो समाजवादी पार्टी इन प्रवासी मजदूरों का किराया वहन करने के लिए तैयार है। चौधरी ने कहा कि दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश में कितने प्रवासी कामगार आयेंगे और उनको 14 दिनों तक कहां-कहां क्वारंटीन किया जायेगा इसका सही आंकलन अभी तक नहीं हो सका है। अधिकारियों के जो हेल्पलाइन नम्बर प्रचारित किये गये है। वह जरूरतमंदों द्वारा डायल करने पर उठते ही नहीं हैं और जो जैसे-तैसे उठ भी जाते हैं उन पर नियुक्त अधिकारी और कर्मचारी किसी अन्य अफसर से सम्पर्क करने की बात कहकर टरका देते हैं।