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ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज पैट कमिंस से सीख लें भारतीय , सांसों का संकट दूर करने में मदद का बढ़ाएं हाथ

कोरोना महामारी की दूसरी लहर से भारत के कई शहरों के अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इन खबरों से आहत आईपीएल 2021 में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेल रहे ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने भारत को लगभग 37 लाख की मदद का ऐलान किया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से भारत के कई शहरों के अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इन खबरों से आहत आईपीएल 2021 में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेल रहे ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने भारत को लगभग 37 लाख की मदद का ऐलान किया है। इसके तहत उन्होंने जरूरतमंदों के लिए पीएम केयर्स फंड में 50 हजार डॉलर देने का फैसला किया है।

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लेकिन इसके बाद अब सवाल उठता है कि भारतीय खिलाड़ी व देश अन्य धनाड्य इस दिशा में क्यूं नहीं सोंचते हैं। हाल ही में रतन टाटा, सोनू सूद सहित कुछ गिनी चुनी हस्तियों को छोड़ दिया जाए। तो कोई भी इस दिशा में आगे बढ़कर मदद करने को तैयार नहीं है। जबकि हम सभी को पता होना चाहिए कि जब तक जनता है तब हमारा उद्योग या हमारा वजूद है और यहीं जनता है जो अपना खून पसीने से हमारी झोली भरती है।

बाबा रामदेव, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, देश के कई प्रमुख उद्योग पति हैं जो अपनी जरा सा मुट्ठी खोल दें तो देश की लाखों जनता की आसानी से जान बचाई जा सकती है। विदेशी हमारी जनता की चिंता करते अपनी झोली खोलने को तैयार हैं। पर हमारे देश की पूंजीपति अपनी झोली पर कुंडली मार बैठे हुए। सांसों के लिए मचे हाहाकर के बीच जारी कोरोना महामारी के तांडव को चुपचाप मूक दर्शक बनकर देख रहे हैं।

जबकि पैट कमिंस जैसे खिलाड़ी भारत बिताए गए जिंदगी के कुछ पलों के एवज अपनी झोली खोल दी है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां पिछले कुछ सालों से मुझे बहुत प्यार मिला है और यहां के लोग भी बहुत प्यारे और सपोर्टिंग हैं। मैं जानता हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में कोरोना वायरस की वजह से काफी दिक्कतें पैदा हो गई हैं, जिसमें पूरे देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का होना शामिल है।

उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों से भी गुजारिश की है कि वे भी मदद के लिए आगे आएं। इस समय हर व्यक्ति अपने को असहाय महसूस कर रहा हूं। शायद मुझे देरी हो गई है, लेकिन इसके माध्यम से हम लोगों की जिंदगी में उजाला लाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने आखिर में लिखा कि भले ही मेरी मदद बड़ी न हो, लेकिन इससे किसी की जिंदगी में बदलाव आ सकता है।

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