लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए बस चलाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है. प्रियंका गांधी की ओर से मंगलवार को एक बार फिर से आगरा के बॉर्डर पर बसें लगनी शुरू हो गई हैं. प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने मंगलवार को सवा 12 बजे यूपी अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा कि ज्यादा बसें होने के चलते उनकी परमिट लेने में कुछ समय लग रहा है, लेकिन शाम पांच बजे तक सभी बसें यूपी बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी.
प्रियंका के सचिव संदीप सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में कहा है कि आपका पत्र हमें मंगलवार 11.5 बजे मिला है. इस संदर्भ में बताना चाहता हूं कि हमारी कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ बसें दिल्ली से आ रही हैं. इनके लिए दोबारा से परमिट दिलवाने की कार्यवाही जारी है. बसों की संख्या अधिक होने के नाते इस में कुछ घंटे लगेंगे. ये सारी बसें शाम पांच बजे तक गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी. शाम पांच बजे तक यात्रियों की लिस्ट और रूट मैप तैयार रखेंगे ताकि इनके संचालन में हमें कोई आपत्ती न आए.
प्रियंका गांधी ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी. उनका आरोप है कि यूपी सरकार उन्हें बसें चलाने की अनुमति नहीं दे रही है. वहीं योगी के सलाहकार का आरोप है कि कांग्रेस से बसों की डीटेल मांगी गई जिसमें बाइक-कार और ऑटो के नंबर थे.
बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं. यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं. ऐसे में प्रिंयका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी. उनका आरोप है कि यूपी सरकार उन्हें बसें चलाने के अनुमति नहीं दे रही है. वहीं योगी का आरोप है कि कांग्रेस से बसों का डीटेल मांगा गया था, लेकिन वह उन्हें नहीं दिया गया.
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासन ने प्रियंका के कार्यालय से 1000 बसों और चालकों के विवरण की मांग की थी, जिसे उसने ईमेल के माध्यम से भेज दियाय प्रियंका के कार्यालय के मुताबिक सोमवार रात शासन ने फिर से पत्र भेजकर कहा कि बसों को तमाम दस्तावेजों के साथ लखनऊ भेजा जाए, इसके बाद इसके बाद अब मंगलवार दस बजे तक बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवरों के लाइसेस सहित सभी दस्तावेज लखनऊ डीएम ऑफिस में जमा करने को कहा गया है तो प्रियंका के सचिव ने इसे राजनीतिक से प्रेरित बताया.