1. हिन्दी समाचार
  2. दुनिया
  3. पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई का पहली बार किया गया सीधा प्रसारण,‘गार्ड ऑफ ऑनर’ लेने से भी इनकार

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई का पहली बार किया गया सीधा प्रसारण,‘गार्ड ऑफ ऑनर’ लेने से भी इनकार

पाकिस्तान (Pakistan) के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को नए मुख्य न्यायाधीश (CJP) काजी फैज ईसा (Qazi Faiz Isa) के पहले दिन मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग (Live Telecast)शुरू की। बता दें कि न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल (Justice Omar Ata Bandial) के सेवानिवृत्त होने के बाद न्यायमूर्ति ईसा ने रविवार को 29वें मुख्य न्यायाधीश (29th Chief Justice) के रूप में शपथ ली।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को नए मुख्य न्यायाधीश (CJP) काजी फैज ईसा (Qazi Faiz Isa) के पहले दिन मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग (Live Telecast)शुरू की। बता दें कि न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल (Justice Omar Ata Bandial) के सेवानिवृत्त होने के बाद न्यायमूर्ति ईसा ने रविवार को 29वें मुख्य न्यायाधीश (29th Chief Justice) के रूप में शपथ ली।

पढ़ें :- Air Show in Bhopal: भारतीय वायुसेना के 91वें स्थापना दिवस पर तेजस, चिनूक और सुखोई ने दिखाए करतब

मिली जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ति ईसा 13 महीने का कार्यकाल 25 अक्तूबर 2024 को समाप्त होगा। पिछली परंपरा से हटते हुए ईसा ने सुप्रीम कोर्ट (अभ्यास एवं प्रक्रिया) अधिनियम 2023 को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक सेट की लाइव स्ट्रीमिंग (Live Telecast) के साथ शुरुआत की, जिसके लिए अदालत के तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों की एक समिति द्वारा सार्वजनिक महत्व के संवैधानिक मामलों पर पीठों के गठन की आवश्यकता होती है।

बंदियाल ने अंतिम फैसले तक कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी और नए प्रधान न्यायाधीश ने पहले दिन एक पूर्ण अदालत पीठ का गठन किया और कार्यवाही शुरू की। कानून में कहा गया है कि सीजेपी (CJP) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दो वरिष्ठतम न्यायाधीश वाली तीन सदस्यीय पीठ यह तय करेगी कि किसी मामले को स्वत: संज्ञान में लिया जाए या नहीं। पहले, यह पूरी तरह से सीजेपी (CJP) का विशेषाधिकार था।

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  के दायरे में पुनर्विचार के अधिकार को भी जोड़ा गया है, जिससे स्वत: संज्ञान मामलों में फैसले के 30 दिन के भीतर अपील दायर करने का अधिकार मिलता है। यह वही कानून है जिसे अगर बरकरार रखा जाता है तो पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ (Former Prime Minister and PML-N chief Nawaz Sharif) को 2017 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  द्वारा उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति मिल जाएगी।

पिछली परिपाटी से हटते हुए न्यायमूर्ति इसा ने पाकिस्तान के नए प्रधान न्यायाधीश (CJP) के रूप में अपने पहले दिन के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में पहुंचने पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ (Guard of Honour) लेने से भी इनकार कर दिया।

पढ़ें :- PM मोदी ने ‘संकल्प सप्ताह’ कार्यक्रम का किया शुभारंभ, बोले- 'समस्याओं के समाधान में जनभागीदारी का सामर्थ्य बहुत बड़ा होता है'

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...