रायपुर। कोरोना महामारी के वजह से देश में लॉकडाउन चल रहा है। इस दौरान करोड़ों की तादात में लोग अपने घरों से दूर फंसे पड़े हैं। न लोगों के पास खाने को है, न पीने को, हालांकि सरकारें लगातार कोशिश कर रही हैं फिर भी काफी लोग परेशान हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में काम के लिए गई 12 साल की बच्ची को जब लॉकडाउन की वजह से घर वापस लौटना पड़ा तो रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
बच्ची 200 में से 150 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर चुकी थी लेकिन घर से 50 किलोमीटर पहले ही वह मौत के मुंह में समा गई। बताया गया कि कड़ी धूप में पैदल चलने की वजह से उसके शरीर में पानी की कमी हो गई जिससे डिहाइड्रेशन से उसकी मौत हो गई। इस बारे में ऑफिशियल जानकारी सोमवार को निकल कर सामने आई।
बताया गया कि 12 साल की बच्ची जमलो मकदम अपने समूह के लोगों के साथ तेलंगाना के कन्नईगुडा में मिर्च के खेतों में काम करती थी। जब 15 अप्रैल से लॉकडाउन 2.0 शुरू हुआ तो यह समूह 15 अप्रैल को वापस अपने घरों की और पैदल लौटने लगा। तीन दिन तक पैदल चलने के बाद सभी ने 150 किलोमीटर की दूरी तय कर ली लेकिन 18 अप्रैल की सुबह घर पहुंचने के 50 किलोमीटर पहले बीजापुर के भंडारपाल गांव के पास बच्ची की मौत हो गई।
इस बारे में बीजापुर के चीफ मेडिकल और स्वास्थ्य अधिकारी बीआर पुजारी ने बताया कि बच्ची की मौत के उसके सैंपल कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए शनिवार को भेजे गए जिसकी रिपोर्ट रविवार शाम को आई। रविवार को इसकी रिपोर्ट आई तो उसमें कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव थी। बाद में राज्य सरकार ने बच्ची को माता-पिता को 1 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।