नई दिल्ली। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 61 साल बाद वापस लौटे बुजुर्ग को परिजनों ने बैरंग लौटा दिया। दरअसल, उत्तरकाशी के जेस्तवाड़ी गांव के 80 साल के सूरत सिंह चौहान का अपने घर लौटने पर परिवार के सदस्यों ने यह कहकर स्वागत नहीं किया कि इतने सालों में उन्होंने परिवार की कोई सुध नहीं ली। परिजनों ने बताया कि सूरत सिंह चौहान जब 18 साल के थे, तभी वह 16 साल की पत्नी और दो छोटे बच्चों को बेसहारा छोड़ घर से निकल गए थे। उनकी पत्नी बुगना देवी अब 78 साल की हैं। दो बेटे त्रेपन सिंह उम्र 63 साल और कल्याण सिंह उम्र 61 साल उनके साथ ही रहते हैं।
स्थानीय राजस्व अधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कोविड-19 के कारण जब अलग-अलग राज्यों के प्रवासियों की वापसी हुई तो चौहान ने भी उत्तराखंड लौटने के लिए हिमाचल प्रदेश प्रशासन में अपना नाम लिखवा लिया। उनके परिवार को भी बता दिया गया कि चौहान रविवार को हिमाचल से लौटेंगे, लेकिन परिवार के सदस्यों ने प्रशासन से कहा कि अपने घर में वे उनका स्वागत नहीं करेंगे। राजस्व अधिकारी ने बताया कि चौहान का एक पोता जेस्तवाड़ी गांव का प्रधान है।
प्रधान पोते ने स्थानीय प्रशासन के पास आकर अनुरोध किया कि उन्हें वापस न बुलाएं। बुगना देवी ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को घर ले जाने का कोई मतलब नहीं, जिसने इतने सालों तक हमारी परवाह नहीं की। कहा कि मुझे तो अब उसका चेहरा भी याद नहीं। उसके घर छोडऩे के बीस साल बाद किसी ने बताया था कि उसे हिमाचल के सोलन में देखा था। परिवार के सदस्य लगातार चौहान को तलाशते रहे और उससे घर लौटने का अनुरोध करते रहे। लेकिन उसने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया और आज खाली हाथ लौटने को मजबूर हुआ है।