लखनऊ। एलयू में लॉ पेपर लीक का ऑडियो वायरल होने का मामला गुरूवार को सीएम योगी के संज्ञान में आया तो इसकी जांच एसटीएफ को सौंप दी गयी थी जहां शुक्रवार को एसटीएफ ने एलयू पहुंच कर जांच शुरू भी कर दी। वहीं इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर डा0 रिचा मिश्रा का एलयू प्रशासन पर ऐसा कौन सा दबाव है जो एलयू के प्रोफेसरों ने आसानी से फोन पर लॉ परीक्षा का पेपर लीक करवा दिया। यही नही इस मामले में सिर्फ प्रोफेसरों पर सवाल उठाये जा रहे हैं, डा0 रिचा मिश्रा का नाम पीछे क्यों है।
LU लॉ पेपर लीक: CM ने STF को सौंपी जांच, परिक्षांएं निरस्त, सड़कों पर छात्रों का हंगामा
आडियो लीक होने के बाद ऐक्शन में आयी एलयू प्रशासन
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और छात्रा डॉ रिचा के बीच हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ऐक्शन में आया और मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाहक कुलपति एसके शुक्ल ने उसी दिन विधि विभाग के प्रोफेसर राकेश कुमार सिंह और असोसिएट प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर को सस्पेंड कर दिया गया था।
आरोपियों का प्रभाव देख एसटीएफ से जांच करवाने की उठी मांग
आपको बता दें कि, hindi.pardaphash.com ने इस खबर को सबसे पहले प्रकाशित किया था। पर्दाफाश के हाथ लगे आडियो में एलयू के प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर, राकेश कुमार सिन्हा और छात्रा डॉ. रिचा के बीच हुई बातचीत थी। लॉ पेपर लीक का आडियो वायरल होने की जांच एसटीएफ को ऐसे ही नही सौंपी गयी। जांच का जिम्मा पहले हसनगंज पुलिस को सौंपा गया था, लेकिन जब जांच अधिकारी ने आरोपियों के रसूख को देखते हुए हांथ खड़े कर दिये तो जांच एसटीएफ को दे दी गयी।
रिचा मिश्रा के रसूल के आगे नतमस्तक था एलयू प्रशासन
आखिर एलयू प्रशासन की ऐसी कौन सी मजबूरी हो गयी थी जो एलयू प्रशासन ने एक फोन पर ही पूरा प्रश्नपत्र और उसके उत्तर बता दिये। जबकि आज के दौर में हर किसी को पता है कि एंड्रॉयड फोन पर रिकार्डिंग की सुविधा होती है। प्रोफेसरों को ये भली भांति पता होगा कि उनकी इस गलती से उनकी नौकरी जा सकती है फिर भी उन्होने महिला को फोन पर पूरी जानकारी दे दी। हालांकि कार्यवाहक वीसी एके शुक्ला के आदेश पर परीक्षा नियंत्रक ले कर्नल एके मिश्रा ने डॉ0 रिचा मिश्रा और प्रोफेसर डॉ0 अशोक कुमार सोनकर के खिलाफ हसनगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।