लखनऊ। नगर निगम लखनऊ द्वारा बनाये गये कूड़े के ढ़ेर पहाड़ बनते चले जा रहे हैं, कूड़े का निस्तारण नही हो पा रहा जिसकी वजह से दुर्गन्ध और गन्दगी फैलती जा रही है, लगातार पर्यावरण दूषित हो रहा है लेकिन सरकार इसपर मौन नजर आ रही है। एक तरफ मोदी सरकार स्वच्छता अभियान को लेकर देश में जागरूकता फैलाने का काम कर रही है वहीं यूपी की राजधानी में सरकारी तंत्रों की लापरवाही से ही पर्यावरण दूषित होता चला जा रहा है। बताया जा रहा है कि शिवरी मे कूड़ा निस्तारण के पांच प्लांट हैं लेकिन मौजूदा वक्त में केवल 3 ही चल रहे हैं।
विभाग की लापरवाही जनता के लिए बनी मुसीबत
नगर निगम द्वारा शिवरी में बनाये गये कूड़ा निस्तारण प्लांट में सरकार का 100 करोड़़ रूपये के लगभग खर्च हो चुका है। कूड़ा निस्तारण का काम कर रही ईको ग्रीन आरडीएफ और कम्पोस्ट तो बना रही है लेकिन उसका इस्तेमाल करने वाला नहीं मिल रहा है। आरडीएफ के लिए एक सीमेंट कम्पनी से करार हुआ है लेकिन वह भी किनारा करने लगी है। बताया गया कि कूड़ा निस्तारण के दो प्लांट भी खराब पड़े हुए हैं। ऐसे में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। शिवरी व घैला के आसपास कूड़े का पहाड़ खड़ा होता जा रहा है जिसकी वजह से लगातार प्रदूषण फैलता जा रहा है और आसपास के लोग इससे बहुत ज्यादा परेशान हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम को भेजा 14 40 करोड़ का नोटिस
लगातार शिवरी प्लांट में बढ़ रहे कूड़े के पहाड़ और उसकी वजह से फैल रहे प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ा रुख अपनाया है। बोर्ड ने बुधवार को नगर निगम को 14 40 करोड़ का नोटिस भेजा है साथ ही नगर निगम से 15 दिन में जवाब भी मांगा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम पर आरोप लगाया है कि विभाग द्वारा संचालित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र शिवरी में कूड़ा निस्तारण नहीं हो पा रहा है, इससे आसपास के इलाके की हवा और भूजल दूषित हो रहा है। गन्दगी की वजह से आसपास के गांवों के लोगों को कई तरह के चर्मरोग भी हो गए हैं।
ईको ग्रीन कम्पनी भी परेशान
बताया जा रहा है कि कूड़ा निस्तारण का काम करने वाली ईको ग्रीन कम्पनी भी लगातार अपना ही रोना रोती नजर आती है। एक तो उनके द्वारा बनाया गया आरडीएफ और कम्पोस्ट बिक नही रहा है दूसरा कम्पनी के भुगतान में भी दिक्कते आती रहती हैं। दो प्लांट काफी दिनो से खराब पड़े हैं लेकिन कम्पनी के अधिकारी उसे सही करवाने में कोई दिलचस्पी नही ले रहे हैं। ऐसे में कम्पनी व नगर निगम के बीच हो रही खींचतान का खामियाजा शिवरी के आसपास की जनता को भुगतना पड़ रहा है।