लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार से लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर हैं। प्रियंका शनिवार को अपने काफिले के साथ नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा में गिरफ्तार किये गये पूर्व आईपीएस, सोशल एक्टिविस्ट एसआर दारापुरी के घर जा रहीं थीं तभी बीच सड़क पर लखनऊ पुलिस ने उनके काफिले की गाड़ियां रूकवा दी गयीं। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस बात पर ऐतराज जताया वहीं प्रियंका ने भी कहा कि पुलिस को गाड़ियां रोकने का कोई अधिकार नही है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि प्रियंका गांधी की गाड़ियों को रोक दिया गया तो वो अपने कार्यकर्ताओं के साथ बिना किसी सिक्योरिटी के पैदल ही सड़क पर चलने लगीं। इस दौरान उनके साथ के लोग भी भटक गये और उनकी सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे। इस दौरान प्रियंका के साथ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी मौजूद थे। वहीं बताया जा रहा है कि कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं को भी इस बात की जानकारी नही थी कि वह कहां जा रही हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि जब पुलिस ने मेरी गाड़ियां रूकवाई तो मैने पुलिस से यही कहा कि सारी गाड़ियां चल रही है सिर्फ मेरी गाड़ियों को क्यों रोका गया तो उनके पास कोई जबाब नही थी। इसलिए मैने कहा जब गाड़ियां नही चलाने दोगे तो फिर मैं पैदल चलु्ंगी। वहीं जैसे ही प्रियंका गांधी पूर्व आईपीएस, सोशल एक्टिविस्ट एसआर दारापुरी के घर पंहुची तो मौके पर सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता भी एकत्र हो गये और यूपी सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से ट्वीटर पर भी वीडियो डालकर इस घटना की कड़ी आलोचना की गयी है।
#CAA_NRC का विरोध करने पर गिरफ्तार हुए पूर्व आईपीएस, सोशल एक्टिविस्ट एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी की गाड़ी को पुलिस ने रोका, तो प्रियंका जी ने पैदल ही मिलने जाने का निर्णय लिया। pic.twitter.com/QBvTvfv7z9
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 28, 2019
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