सनातन धर्म व्रत उपवास रखकर भगवान का कृपा प्राप्त करने की परंपरा है। पौराणिक ग्रंथों में धन वैभव की प्राप्ति के लिए धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के बारे में बताया गया है।
Mahalaxmi Vrat 2023 : सनातन धर्म व्रत उपवास रखकर भगवान का कृपा प्राप्त करने की परंपरा है। पौराणिक ग्रंथों में धन वैभव की प्राप्ति के लिए धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के बारे में बताया गया है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी व्रत के बारे में बताया गया है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत शुरू हो रहा है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को समाप्त होगा। धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भाद्रपद माह में 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है। यह व्रत 22 सितंबर से 6 अक्टूबर 2023 तक चलेगा। महालक्ष्मी व्रत के दौरान देवी लक्ष्मी की पूजा, पाठ और मंत्रों का जाप करने से धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि शुरू – 22 सितंबर 2023, दोपहर 01 बजकर 35 मिनट
भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि समाप्ति – 23 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट
महालक्ष्मी स्तोत्र पाठ के लाभ
धार्मिक मान्यता है कि जहां प्रतिदिन महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ होता है वहां कभी निराशा, दरिद्रता नहीं आती। इसके जाप से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद धन और समृद्धि के रूप में मिलता है। पौराणिक ग्रंथों में महालक्ष्मी स्त्रोत की असीम महिमा के बारे में बताया गया है। जो व्यक्ति दिन में एक बार भी महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वहीं दो बार पाठ करने पर आर्थिक तंगी दूर होती है, राजयोग मिलता है।