नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे को लेकर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है। इस गठबंधन ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के फैसले को चुनौती दे रखी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट का लाइव प्रसारण हो। सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा, देवेंद्र फडणवीस सरकार को महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लेने से रोकने का भी उल्लेख किया जाए।
महाराष्ट्र मामले में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने फैसला देते हुए कहा कि बुधवार की शाम पांच बजे तक विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराएं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जस्टिस एनवी रमण, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके गठबंधन के पास 154 विधायकों के हलफनामे हैं और भाजपा को 24 घंटे में अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा जाना चाहिए।
केंद्र ने पीठ से कहा कि 23 नवंबर को सबसे बड़े दल को सरकार गठित करने के लिए आमंत्रित करना राज्यपाल का विवेकाधिकार था। एसजी तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को सरकार गठित करने के लिए घूम-घूमकर यह पता लगाने की आवश्यकता नहीं है कि किस दल के पास बहुमत है।