नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बने सियासी बवंडर के बीच आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सरकारी आवास वर्षा बंगले पर महाविकास अघाड़ी गठबंधन के नेताओं की बैठक चल रही है। बैठक में दो दिनों से दो बड़े भाजपा नेता द्वारा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग समेत कई बिंदुओं पर चर्चा होने की उम्मीद हैं। बैठक में तीनों पार्टियों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बड़े नेता शामिल हैं।
महाराष्ट्र में सियासी संकट का पता तब चला जब 25 मई की सुबह एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी से मुलाकात की। शरद पवार और भगत सिंह कोश्यारी के बीच इस बैठक का समय अहम माना जा रहा था क्योंकि यह शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन (महा विकास अघाड़ी) सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना और राज भवन के बीच पिछले दिनों गतिरोध की खबरें सामने आईं।
इसके बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने स्पष्ट कहा कि ठाकरे सरकार पर कोई संकट नहीं है। महाविकास अघाड़ी के तीनों दल शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एकजुट हैं। शरद पवार राज्यपाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे से मिलने उनके मातोश्री बंगले में गए थे। सरकार बनने के बाद पवार पहली बार मातोश्री गए थे।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी कहा कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है। अगर राष्ट्रपति शासन लागू करने की कोई बात करता है तो इसके लिए गुजरात सबसे फिट राज्य है। गुजरात हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार के बारे में जो टिप्पणी की है, उसे महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं को पढ़ना चाहिए। प्रदेश भाजपा के नेताओं को तुरंत गुजरात जाकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए।