नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे बड़ा उलटफेर करके बीते पांच दिनों से एनसीपी नेता अजित पवार मीडिया की सुर्खियां बने हैं। अजित ने पहले देवेन्द्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाई। मंगलवार को को उस वक्त फिर बड़ा भूचाल आ गया, जब एनसीपी नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने भी इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। बताया जा रहा है कि अजीत के इस्तीफे के पीछे उनके परिवार की कुछ भावनात्मक अपीलों ने अहम भूमिका अदा की। आइये जानते हैं अजीत की वापसी के लिए किसने किस तरह से की थी अपील?
अजीत पवार को वापसी के लिए मनाने वालों में सबसे पहला ना उनके बड़े भाई श्रीकृष्ण पवार का है। इसके बाद उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के पति सदानंद सुले ने अजीत को मनाने का प्रयास किया। अंत में शरद पवार की पत्नी मतलब अजीत की चाची प्रतिभा पवार ने उन्हें मनाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने भतीजे अजीत से बात की और भावनात्मक अपील करते हुए कहा, ‘अब घर लौट आओ’। माना जा रहा है कि अजीत की वापसी में शरद पवार के संदेश के अलावा चाची प्रतिभा की भावनात्मक अपील की भी प्रमुख भूमिका थी। अजीत चाची को मना नहीं कर सके।
अजीत को मनाने का प्रयास करने वाले पार्टी के सभी बड़े नेता व करीबी विफल हो चुके थे। इसके बाद मंगलवार को शरद पवार ने पार्टी चीफ नहीं, चाचा के तौर पर अजीत के एक लाइन का संदेश भेजा। ये संदेश था, ‘तुम्हें माफ कर दिया है। वापस लौट आओ।’ शरद पवार ने ही अपने संदेश में अजीत को वापसी की राह भी दिखाई। उन्होंने ही अजीत से कहा था कि चाहो तो उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दो या फिर बुधवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से दूर रहना।
अजीत ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर न केवल पार्टी को बल्कि चाचा शरद पवार को भी निजी झटका दिया था। इसके बाद अचानक से शरद पवार की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई थी। कांग्रेस के कई नेताओं ने शरद पवार पर हमला बोलना भी शुरू कर दिया था। गठबंधन नेताओं ने अजीत पवार पर भी धोखा देने का आरोप लगाते हुए उन्हें जमकर कोसा। शपथ ग्रहण के कुछ देर बाद ही शरद पवार की बेटी व एनसीपी सांसद सुप्रीया सुले ने अपना व्हाट्सएप स्टेटस बदल दिया। उन्होंने लिखा ‘पार्टी और परिवार बंट गया’। बावजूद पवार परिवार के किसी भी सदस्य ने अजीत के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। बल्कि, पूरा परिवार अजीत को मनाने में जुट गया।
चाचा शरद पवार और चाची प्रतिभा के अलावा अजीत की तीनों बुआओं की भी उनकी वापसी में अहम भूमिका रही है। अजीत पवार की तीनों बुआओं सरोज पाटिल, रजनी ताई सांसणे और मीना ताई जगताप ने भी उनसे भाजपा का साथ छोड़कर वापस लौटने की भावनात्मक अपील की थी। बुआओं की तरफ से अजीत से अपील की गई थी कि सरकारें आती-जाती रहेंगी, लेकिन परिवार नहीं टूटना चाहिए। बुआओं ने जब खून के रिश्तों का हवाला दिया तो अजीत का मन पिघल गया। इस तरह से बुआओं की भावनात्मक अपील ने भी अजीत की परिवार और पार्टी में वापसी की राह का मार्ग तैयार किया।