उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि, ये पहली बार नहीं है जब नेताओं ने इस तरह से बगावत की है। विधायक आते हैं और जाते हैं लेकिन पार्टी का वजूद नहीं खत्म होता है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है, धनुष-बाण के चिन्ह को लेकर कोई संदेह नहीं है। यह शिवसेना का है और हमेशा रहेगा। हालांकि, इसपर फैसला भारत निर्वाचन आयोग लेगा।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भी सियासी हलचल जारी है। शुक्रवार को पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) जनता के सामने आए और साफ कर दिया कि उनसे ‘धनुष-बाण’ के चिन्ह को शिवसेना से नहीं ले सकता। दरअसल, महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद से लगातार कहा जा रहा था कि एकनाथ शिंदे गुट चुनाव चिन्ह पर दावा कर सकता है। गुवाहाटी में बागी विधायकों ने कहा था कि वो बालासाहब के नाम से नई पार्टी बनाएंगे।
उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि, ये पहली बार नहीं है जब नेताओं ने इस तरह से बगावत की है। विधायक आते हैं और जाते हैं लेकिन पार्टी का वजूद नहीं खत्म होता है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है, धनुष-बाण के चिन्ह को लेकर कोई संदेह नहीं है। यह शिवसेना का है और हमेशा रहेगा। हालांकि, इसपर फैसला भारत निर्वाचन आयोग लेगा।
फिलहाल, यह मामला आयोग के सामने नहीं पहुंचा है। इस दौरान उन्होंने पार्षदों के पार्टी से जाने पर कहा कि, जो लोग एकनाथ शिंदे के साथ हैं वो उनके साथ जुड़े रहें। जो लोग शिवसेना की मदद से बड़े बने हैं, वे छोड़कर चले गए, लेकिन जिन लोगों ने शिवसेना को बड़ा बनाया वे अभी भी साथ हैं।