मुम्बई। महाराष्र्ट में बनी उद्धव सरकार के मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार हुआ। हालांकि इस समारोह में उद्धव ठाकरे ने महाराष्र्ट की सभी राजनीतिक पार्टियों को न्योता दिया था लेकिन भाजपा इस समाराहे में नही शामिल हुई। इसी के चलते मंगलवार को शिवसेना ने अपनी पूर्व सहयोगी बीजेपी की जमकर आलोचना की और कहा कि भाजपा को सिर्फ विरोध करने के मंसूबे से महाराष्ट्र सरकार को लगातार निशाना नहीं बनाना चाहिए। शिवसेना का कहना है कि विपक्ष दरियादिली दिखाए और ठाकरे नीति वाली सरकार को आराम से काम करने दें।
शिवसेना का कहना है कि बीजेपी ने पहले दिन से ही ठाकरे सरकार पर अनावश्यक रूप से निशाना साधना शुरू कर दिया था जिसकी वजह से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विपक्षी भाजपा ने लोगों की नजरों में खुद ही अपना मजाक बना लिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ एक संपादकीय में कहा, ‘‘अब एक महीने बाद राज्य में 43 मंत्रियों की पूर्ण सरकार है और फडणवीस को माहौल खराब करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। फडणवीस और उनकी पार्टी को सिर्फ विरोध करने की मंशा से विरोध करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
सामना में लिखा गया है कि उद्धव सरकार के मंत्रिपरिषद में राज्य के विकास में तेजी लाने की क्षमता है। शिवसेना का कहना है कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि फडणवीस ने मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया। नागपुर में राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी, विपक्ष ने हंगामा खड़ा किया और वॉकआउट किया। शिवसेना ने बीजेपी से आग्रह करते हुए कहा, ‘‘अब, राज्य में पूर्ण सरकार हैं। विपक्ष को सरकार को काम करने देने की उदारता दिखानी चाहिए.”
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनायी है और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सीएम बने हैं। लगभग एक महीने सरकार चलाने के बाद उद्धव ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। अपने बेटे आदित्य समेत 36 मंत्रियों को इसमें शामिल किया। मंत्रिमंडल विस्तार में राकांपा नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 36 मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें से राकांपा के 10 कैबिनेट एवं चार राज्य मंत्री, शिवसेना के आठ कैबिनेट एवं चार राज्य मंत्री और कांग्रेस के आठ कैबिनेट एवं दो राज्य मंत्री शामिल हैं।