नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विपक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इस कानून को लेकर कई राज्यों में हिंसा भी हुई। वहीं, सीएए और विश्वविद्यालयों में हो रही हिंसा को लेकर आज विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गयी है। इस बैठक को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुलाई है। वहीं, बैठक से पहले खबर आ रही है कि तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी इसमें हिस्स नहीं लगी। बसपा सूत्रों ने बताया पार्टी इस बैठक में किसी प्रतिनिध को नहीं भेजेगी।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस और बसपा के बीच मतभेद है, जिसके कारण वह इस बैठक से दूरी बनाये हुए है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पहले ही इस बैठक में आने से इनकार कर दिया था। सीएए के खिलाफ जब विपक्षी दल राष्ट्रपति के पास गए थे, उस वक्त भी बसपा उनके साथ नहीं थी। हालांकि पार्टी ने बाद में इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट की थी।
बता दें कि मायावती ने ट्वीट कर कहा कि जैसा कि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बसपा के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतया विश्वासघाती है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बसपा का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बसपा इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी। वहीं, सूत्रों ने बताया कि आम आदमी पार्टी का भी कोई भी नेता इस बैठक में हिस्सा नहीं लेगा।