नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल आखिरी मन की बात को संबोेधित किये। इस दौरान उन्होंने सीएए के विरोध में हुई हिंसा पर चिंता जाहिर की। पीएम ने कहा कि हमारे देश के युवाओं को अराजकता, अस्थिरता और जातिवाद से चिढ़ है। आज युवा जात-पात से ऊंचा सोचता है। ये युवा परिवाववाद और जातिवाद पसंद नहीं करते हैं। पीएम ने कहा कि, यह पीढ़ी बहुत प्रतिभाशाली है। यह सोशल मीडिया का युग है।
लोग सिस्टम को फॉलो भी करते हैं और अगर सिस्टम सही काम न करे तो बेचैन भी होते हैं और सवाल भी करते हैं। पीएम ने स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि युवावस्था किसी कीमत पर नहीं आंकी जा सकती है। यह जीव का सबसे मूल्यवान कालखंड होता है।
पीएम ने कहा कि आपका जीवन इस पर निर्भर करता है कि आप अपनी युवावस्था का उपयोग किस प्रकार करते हैं। पीएम ने कहा कि यह साल यानी 2019 की विदाई के पल हमारे सामने है। अब हम न सिर्फ नए साल में प्रवेश करेंगे, बल्कि नए दशक में प्रवेश करेंगे।
इसमें देश के विकास को गति देने में वे लोग सक्रिय भूमिका निभाएंगे, जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है। बता दें कि 16 दिसंबर को पीएम ने इसके लिए जनता से विचार आमंत्रित किए थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि इस महीने मन की बात 29 दिसंबर को होगी। आप इसके लिए अपने विचार और सुझाव साझा करें।