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मेट बना जल्लाद और ट्रैकमैन की पिटाई, पीड़ित ने मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ उत्तर रेलवे से की लिखित शिकायत

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ADEN-2 सुल्तानपुर अंतर्गत लंभुआ सेक्शन के गैंग नंबर 15 के मेट संदीप यादव ने ट्रैक मैन संदीप कुमार को बुरी तरह पीटा, ट्रैकमैन की गलती बस इतनी थी कि वह मेट संदीप यादव के कमरे पर समय से मीट नहीं पहुंचाया,

By संतोष सिंह 
Updated Date
लखनऊ: उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ADEN-2 सुल्तानपुर अंतर्गत लंभुआ सेक्शन के गैंग नंबर 15 के मेट संदीप यादव ने ट्रैक मैन संदीप कुमार को बुरी तरह पीटा।  ट्रैकमैन की गलती बस इतनी थी कि वह मेट संदीप यादव के कमरे पर समय से मीट नहीं पहुंचाया।

पीड़ित ट्रैक मैन के अनुसार गेंग नंबर 15 के मेट संदीप यादव हमेशा उससे फ्री में मीट की मांग करता है। वह उनके यहां मीट पहुंचाता भी है नहीं पहुंचाने पर उसे गैंग में कार्य के दौरान काफी प्रताड़ित करता है। घटना वाली रात को ट्रैकमैन संदीप कुमार शाम 09:00 बजे मेट के कमरे पर मीट लेकर पहुंचा मेट के दरवाजे में ताला बंद होने के कारण वह अपने कमरे पर आ गया। उस मीट का स्वयं उपयोग कर लिया, रात को 10:00 बजे मेट उसके कमरे पर नशे की हालत में पहुंचा और भद्दी भद्दी गालियां देते हुए उसके दरवाजे को पीटने लगा। दरवाजा खोलने पर मेट उसके कमरे में प्रवेश कर गया एवं जातिसूचक शब्द एवं आपत्ति जनक गालियों का प्रयोग करने लगा।

जब ट्रैकमैन ने इसका विरोध किया तो उसके कमरे में पड़े डंडे को उठाकर मेट  ट्रैकमैन को पीटने लगा। पिटाई इतनी निर्ममता से किया गया है की ट्रैकमैन का शरीर चोट से काला हो गया है। जो वीडियो में साफ नजर आ रहा है। मारपीट एवं शोर-शराबे की आवाज सुनकर बगल के कमरे के कर्मचारियों ने आकर बीच-बचाव किया तब जाकर ट्रैक मैन की जान बची। पिटाई के दौरान ट्रैक मैन के जेब से 780 रुपये गिर जाने पर मेट ने उसे उठा ले गया एवं उसे जान से मारने की धमकी भी दिया।

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मेट संदीप यादव ने ट्रैकमैन संदीप कुमार से कहा कि मैं तुम्हें अपनी गैंग में ड्यूटी नहीं करने दूंगा, पिटाई से ट्रैकमैंन ऐसी हालत हो गई है कि वो ड्यूटी करने से भी डर रहा है। वह अपनी सुरक्षा के लिए एवं पिटाई के खिलाफ मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ उत्तर रेलवे से लिखित शिकायत किया है एवं न्याय की गुहार लगाया है।
अब देखने वाली बात है कि ट्रैकमैन को न्याय मिलता है या नहीं ? रेल प्रशासन इसके खिलाफ क्या कदम उठाता है या जब तक कोई कर्मचारी मर ना जाए या आत्महत्या ना कर ले तब तक मुख दर्शक ही बना रहेगा ?

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