मथुरा। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर की गई अपील अदालत ने शुक्रवार को मंजूर कर ली। अपील में 13.37 एकड़ जमीन पर दावा करते हुए मालिकाना हक मांगा गया है। अब इस याचिका पर 18 नवंबर को सुनवाई होगी। याचिका में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के समीप बने ईदगाह को हटाने की मांग की गई है।
‘भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ की ओर से वादी रंजना अग्निहोत्री सहित अन्य अधिवक्ताओं ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की करीब 13.37 एकड़ जमीन पर भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से अधिवक्ताओं के माध्यम से दावा किया गया था। यह दावा विगत दिनों सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में किया गया था। उनकी अनुपस्थिति में इसकी सुनवाई लिंक एडीजे-पॉक्सो अदालत में हुई। इस अदालत ने यह दावा खारिज कर दिया था।
12 अक्तूबर को याचिकाकर्ताओं ने जिला जज साधना रानी ठाकुर की अदालत में अपील की। शुक्रवार को भगवान विराजमान श्रीकृष्ण की ओर से अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और पंकज कुमार वर्मा ने दावा दाखिल करने के लिए न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा। अदालत ने अपील को स्वीकार कर लिया।
यह है दावा
वादी के अधिवक्ताओं का दावा है कि जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक भगवान श्रीकृष्ण विराजमान का है, जबकि 12 अक्तूबर 1968 को कटरा केशव देव की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसाइटी ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से कर लिया। इस जमीन पर अतिक्रमण कर मस्जिद बनाई गई है। अपील में समझौते को रद्द करने की मांग के साथ 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक मांगा गया है।