नई दिल्ली। जहां उत्तर प्रदेश में विधानसभा व लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बसपा धीरे धीरे जनता के बीच जगह बनाने का प्रयास कर रही है वहीं राजस्थान में अचानक उसके 6 विधायको के कांग्रेस में शामिल होने से बसपा को एक बड़ा झटका लगा है। बसपा अध्यक्ष मायावती इस घटना के बाद कांग्रेस पर खूब भड़की और कांग्रेस को एक धोखेबाज पार्टी करार दिया है।
1. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।
— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मामले को लेकर 3 ट्वीट किये हैं। पहले ट्वीट में उन्होने कहा राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार है, बसपा बिना किसी शर्त के वहां बाहर से कांग्रेस का समर्थन कर रही थी फिर भी कांग्रेस ने बसपा के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द एवं धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है।
3.कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।
— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019
दूसरे ट्वीट में मायावती ने कांग्रेस को एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी पार्टी बताया है, उन्होने कहा कि इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कांग्रेस कभी गंभीर एवं ईमानदार नहीं रही है। उन्होने कहा कि कांग्रेस विरोधी पार्टियों से लड़ने के बजाए हमेशा सहयोगी व समर्थन करने वाली पार्टियों को ही आघात पहुंचाने का काम करती है।
मायावती ने तीसरे ट्वीट में कहा कि कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर एवं उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही है। कांग्रेस ने कभी भी बाबा साहब को लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही उन्हे कभी भारतरत्न से सम्मानित किया। कांग्रेस की वजह से ही डॉ. आम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
वहीं कांग्रेस राजास्थान में होने वाली आगामी नगर निकाय और पंचायत चुनाव से पहले इसे अपनी सफलता मान रही है। आपको बता दें कि सोमवार देर रात बसपा के 6 विधायक राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष को पत्र देकर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये।