नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार उत्तरभारतियों पर विवादित बयान देकर चारों तरफ से घिरते जा रहे हैं। जबसे उन्होने यह बयान दिया कि देश में रोजगार की नही बल्कि उत्तर भारतियों की योग्यता में कमी है तबसे उनकी सभी राजनीतिक पार्टियों ने आलोचना करना शुरू कर दिया।
मायावती ने कहा कि जहां देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है, ऐसे में बेरोजगारी दूर करने के बजाय मोदी सरकार के मंत्री हास्यस्पद बयानबाजी कर रहे हैं। उत्तर भारतियों को रोजगार देने के बजाय केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार का यह कहना है कि रोजगार की कमी नहीं बल्कि उनमें योग्यता की कमी है। ये बेहद ही शर्मनाक बयान है, इसके लिए उन्हे देश से माफी मांगनी चाहिए।
देश में छाई आर्थिक मंदी आदि की गंभीर समस्या के सम्बंध में केन्द्रीय मंत्रियों के अलग-अलग हास्यास्पद बयानों के बाद अब देश व खासकर उत्तर भारतीयों की बेरोजगारी दूर करने के बजाए यह कहना कि रोजगार की कमी नहीं बल्कि योग्यता की कमी है, अति-शर्मनाक है जिसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) September 15, 2019
वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने विरोध जताते हुए कहा कि मोदी सरकार का कार्यकाल 5 साल से ज्यादा हो चुका है, सरकार नौकरियां पैदा नही कर पाई और जो हैं वो आर्थिक मंदी के कारण छिन रही हैं। देश का युवा रोजगार की राह देख रहा है और मंत्री जी अपनी सरकार की नाकामी को छिपाने के लिए उत्तर भारतियों का अपमान करके निकलना चाहते हैं। अब ये नही चलने वाला।
मंत्रीजी, 5 साल से ज्यादा आपकी सरकार है। नौकरियाँ पैदा नहीं हुईं। जो नौकरियाँ थीं वो सरकार द्वारा लाई आर्थिक मंदी के चलते छिन रही हैं। नौजवान रास्ता देख रहे हैं कि सरकार कुछ अच्छा करे।
आप उत्तर भारतीयों का अपमान करके बच निकलना चाहते हैं। ये नहीं चलेगा।https://t.co/2f9ZhGmVoT
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 15, 2019
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी मोदी सरकार के मंत्री के इस बेतुके बयान को उत्तर भारतीयों का अपमान बताया है. उन्होंने कहा अगर कहीं योग्यता की कमी है तो वो मोदी सरकार की योग्यता में कमी है। आखिर मंत्री क्यों नही बता रहे कि चौपट अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार कौन है।