खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के साथ बीते एक साल मे दूध के दामों में भी खूब बढ़ोत्तरी हुई है। एक साल में दूध के दामों में 6.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि पिछले पांच माह में यह 8 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया है। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग ऊची बने रहने के कारण आगे भी दूध की कीमतों का बढ़ना जारी रहेगा।
Milk Prices News: खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के साथ बीते एक साल मे दूध के दामों में भी खूब बढ़ोत्तरी हुई है। एक साल में दूध के दामों में 6.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि पिछले पांच माह में यह 8 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया है। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग ऊची बने रहने के कारण आगे भी दूध की कीमतों का बढ़ना जारी रहेगा। दूध और इसके उत्पादों में पिछले वर्ष की तुलना में मासिक वृद्धि 0.8 फीसदी रही है। बता दें कि, पहले के पांच सालों में औसत 0.3 फीसदी वृद्धि की तुलना में इस समय दोगुना बढ़त हुई है। हेडलाइन मुद्रास्फीति में इसका योगदान महामारी के बाद 6 प्रतिशत तक हो गया है।
चारे के दाम में भी हुई वृद्धि
बता दें कि, दूध की कीमतों में जारी तेजी के कई कारण माने जा रहे हैं। सबसे पहला कारण चारे के दाम में वृद्धि के कारण कीमतों में बढ़ोत्तरी की बात कही जा रही है। इसके साथ ही इसमें बढ़ती लागत, महामारी के कारण व्यवधान और अंतरराष्ट्रीय कीमतें जुड़ी हैं। हालांकि, पशुओं के चारे के दाम में लगातार बढ़ोतरी इसका प्रमुख कारण है। फरवरी, 2022 से चारे की कीमतें 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी हैं।
उत्पादन कम, निर्यात ज्यादा
दूध का उत्पादन कम हो गया है और डेयरियां साल भर कम दूध की खरीद करती रही हैं। वित्त वर्ष 2021 से 2022 के दौरान डेयरी का निर्यात दोगुना हो गया था। खासकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने से वित्त वर्ष 2023 में भी ऐसा ही रुझान रहने वाला है। सितंबर के बाद से दुधारु पशु बेहतर चारे की उपलब्धता और कम तापमान के साथ आम तौर पर अधिक दूध देते हैं।