नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हॉस्टल फीस की वृद्धि को लेकर छात्रों ने जमकर हंगामा किया। छात्रों ने जेएनयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। वहीं, छात्रों के बढ़ते प्रदर्शन को लेकर जेएनयू प्रशासन ने बढ़ी हुई फीस को वापस लेने का फैसला लिया है। जेएनयू प्रशासन के इस फैसले के बाद छात्रों ने प्रदर्शन को खत्म करने की बात कही है।
बता दें कि, बुधवार को छात्र प्रशासनिक भवन में घुस गए हैं और अंदर बैठकर नारेबारी की। प्रशासनिक भवन में ही वाइस चांसलर समेत जेएनयू प्रशासन के सभी अधिकारियों के दफ्तर हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था कि जब तक वाइस चांसलर छात्रों से नहीं मिलेंगे, तब तक हम बिल्डिंग से बाहर नहीं आएंगे। वहीं, दो दिन पूर्व जेएनयू के छात्रों ने हॉस्टल फीस को लेकर जमकर हंगामा किया था। इस दौरान सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा था।
सुबह से शुरू हुआ प्रदर्शन देर शाम तक चलता रहा। छात्रों का कहना है कि, नामी प्राइवेट यूनिवर्सिटी छोड़कर हम यहां पढ़ने आए, क्योंकि ये सेंट्रल यूनिवर्सिटी है, सस्ता है और अच्छी शिक्षा मिलती है, लेकिन अब हमें अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ कर जाना पड़ेगा। उनका कहना है कि कमरा कुछ खास भी नहीं है, अब तक सर्विस चार्ज सरकार देती थी, वो भी हमें देना होगा।
इससे पहले छात्रों ने मंगलवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि जेएनयू प्रशासन ने छात्रावास, मेस और सुरक्षा फीस में 400 प्रतिशत की वृद्धि की है। वहीं, जेएनयू प्रशासन का दावा है कि हॉस्टल के चार्ज में 19 साल के बाद इजाफा किया गया है। जेएनयू के नए मैनुअल के मुताबिक अब विजिटर्स को रात 10:30 के बाद हॉस्टल से निकलना होगा। हॉस्टल के नियमों का पालन न करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।