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सीएम योगी को विधायक ने बताई बस्ती की सच्चाई, कहा- ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रहे मरीज

कोरोना महामारी संकट के बीच उत्तर प्रदेश स्थित आक्सीजन, जीवन रक्षक दवाओं के अभाव आदि समस्याओं को लेकर रूधौली विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने सीएम योगी को पत्र भेजकर कोविड अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित हुये मरीजों के इलाज हेतु जांच किट, आक्सीजन, टीका, बेड आदि संसाधन उपलब्ध कराये जाने की मांग की है। 

By आराधना शर्मा 
Updated Date

बस्ती: कोरोना महामारी संकट के बीच उत्तर प्रदेश स्थित आक्सीजन, जीवन रक्षक दवाओं के अभाव आदि समस्याओं को लेकर रूधौली विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने सीएम योगी को पत्र भेजकर कोविड अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित हुये मरीजों के इलाज हेतु जांच किट, आक्सीजन, टीका, बेड आदि संसाधन उपलब्ध कराये जाने की मांग की है।

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आपको बता दें, सीएम योगी को भेजे पत्र में 9 विन्दुओं पर ध्यानाकर्षण करते हुये विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कहा है कि जनपद के महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालेज एवं उससे सम्बद्ध ओपेक चिकित्सालय कैली, जिला चिकित्सालय बस्ती, कोविड अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मुण्डेरवा सहित अन्य बनाये गये कोविड अस्पताल में रेडमेसिविर इंजेक्शन, आक्सीजन, जांच किट, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता की मांग कोरोना संकट के कारण बढ गई है।

विधायक ने कहा कि मरीजों तक सुविधाओं को पहुंचाने में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिलम्ब किया जा रहा है। इलाज को लेकर डाक्टरों, मरीजों एवं उनके तीमारदारों के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा है।  इसी कारण से केन्द्र और प्रदेश सरकार के प्रति आम जन मानस का विश्वास घट रहा है। संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है और मृत्यु दर भी 165 से अधिक हो चुकी है। कैली समेत जनपद में बने अनेक कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण मरीज दम तोड़ रहे हैं।

9 प्रमुख बिन्दुओं के द्वारा मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण करते हुये पत्र में विधायक संजय प्रताप ने कहा है कि विभिन्न सीएचसी एवं पीएचसी सेन्टरों पर जांच किट, रेडमेसिविर इंजेक्शन, आक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध नहीं है. मरीजों को समय से भोजन, पानी, दवा उपलब्ध नहीं कराया जाता और तीमारदारों से बातचीत नहीं करने दिया जाता जिसके कारण भर्ती मरीज अपनी समस्या नहीं बता पा रहे हैं।

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इतना ही नहीं तीमारदारों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। विभाग द्वारा लिये गये नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त होने में बिलम्ब के कारण अनजाने में संक्रमण फैल रहा है। कहा कि महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालेज के प्राचार्य द्वारा भी दुर्व्यहार किये जाने की शिकायतें मिल रही है।  निजी अस्पतालों में भी आक्सीजन गैस का संकट है।

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