नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को मानसून की पहली बारिश हुई। दक्षिण-पश्चिम मानसून दो दिन पहले ही क्षेत्र में पहुंच गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में मानसून के तय समय से दो दिन पहले ही आने की बृहस्पतिवार को घोषणा कर दी।
मानसून के कारण बुधवार को शहर के कई हिस्सों में बारिश आई लेकिन आईएमडी ने कहा कि मानसून के शुरुआत की घोषणा बृहस्पतिवार को की जाएगी क्योंकि इसके लिए सभी मौसम केंद्रों के पिछले 24 घंटे के बारिश के आंकड़ों की आवश्यकता होगी।
मौसम विभाग ने इस साल की शुरुआत में मानसून के 27 जून को दिल्ली पहुंचने का पूर्वानुमान लगाया था। 2019 में मानसून ने 29 जून को राजधानी में आया था। पिछले कुछ वर्षों में मानसून अपनी अपेक्षित तारीख से पहले ही शहर में आ रहे हैं।
इससे पहले गुरुवार को मौसम विभाग ने कहा कि मानसून पश्चिम राजस्थान, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा के पूर्वी हिस्सों, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब के अधिकांश हिस्सों में पहुंच गया है।
दिल्ली में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘संतोषजनक श्रेणी’ के निचले छोर पर है।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के अनुसार, 27 जून तक तेज हवाओं और मध्यम धूल के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘मध्यम श्रेणी’ में आ सकता है।
आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि मानसून नागौर, अलवर, दिल्ली, करनाल और फिरोजपुर से होकर उत्तर की ओर बढ़ गया है। मानसून पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों, हरियाणा के पूर्वी हिस्से, दिल्ली, पूरे उत्तर प्रदेश और पंजाब के ज्यादातर हिस्सों तक बृहस्पतिवार को पहुंच गया।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार चक्रवातीय दबाव के कारण दिल्ली में मानसून समय से पहले पहुंच गया है। यह चक्रवातीय दबाव 19 और 20 जून को दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ा था जिससे मानसून के समय से पहले पहुंचने में मदद मिली।