लखनऊ। देशभर में लागू हुए न्यू मोटर व्हीकल एक्ट (New Motor Vehicle Act 2019) को लेकर बीजेपी (BJP) शासित प्रदेश भी बैकफुट पर हैं। गुजरात और उत्तराखंड के बाद अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 में निर्धारित जुर्माने की राशि कम करने पर विचार हो रहा है। सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार जुर्माने में संशोधन की तैयारी में है। संभावना है कि वाहन चलाते समय उन अपराधों के जुर्माने की दर कम की जा सकती है, जो शमनीय श्रेणी के हैं।
दरें संशोधित करने का प्रस्ताव तैयार, कैबिनेट में लाने की तैयारी
परिवहन विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि जून में लागू जुर्माने की दर संशोधित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे जल्द कैबिनेट में लाया जा सकता है। संशोधित दर में आम लोगों को पहले की तुलना में कुछ राहत दी जाएगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनसामान्य को सीट बेल्ट, हेल्मेट न पहनने, नाबालिग के वाहन चलाने सरीखे मानवीय जीवन को खतरे से जुड़े जुर्माने में नहीं राहत नहीं दी जाएगी। सरकार ओवरलोडिंग, मौके पर ड्राइविंग लाइसेंस न होने व भूलवश यातायात नियमों के उल्लंघन में कड़े जुर्माने में जरूर राहत देने पर विचार कर रही है। इसके लिए जल्द ही प्रदेश सरकार मोटर वाहन एक्ट से जुड़ी नियमावली को कैबिनेट में रखेगी। इसके नियमों में ही विभिन्न दरें तय की जाएंगी।
गुजरात व उत्तराखंड में घटाया गया जुर्माना
गुजरात के बाद बुधवार को उत्तराखंड ने भी 75 फ़ीसदी तक जुर्माने की दर घटा दी है. महाराष्ट्र सरकार भी इस एक्ट को विधान सभा चुनाव तक टालने के मूड में है. कर्नाटक और राजस्थान सरकार ने भी जुर्माने की दर को कम करने का मूड बनाया है.