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मन्दिर-मस्जिद के मुद्दों पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लीगल टीम बनाने का लिया निर्णय, कोर्ट में भी करेगी पैरवी

ज्ञानवापी सर्वे  (Gyanvapi Survey) के बाद हिंदू पक्ष ने वहां पर शिवलिंग मिलने का दावा किया है। हिंदू पक्ष के इस दावे के बाद कोर्ट ने उस जगह को सील करने के आदेश दिए थे। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि फव्वारा को हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है। वहीं, अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने मंदिर-मस्जिद मामले में खुद कोर्ट में पैरवी करने का निर्णय लिया है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। ज्ञानवापी सर्वे  (Gyanvapi Survey) के बाद हिंदू पक्ष ने वहां पर शिवलिंग मिलने का दावा किया है। हिंदू पक्ष के इस दावे के बाद कोर्ट ने उस जगह को सील करने के आदेश दिए थे। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि फव्वारा को हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है। वहीं, अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने मंदिर-मस्जिद मामले में खुद कोर्ट में पैरवी करने का निर्णय लिया है। बोर्ड पहले ही वजुखाने को सील करने के निर्णय का विरोध कर चुका है। इसके साथ ही उसे गैरकानूनी बताया है।

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इस पूरे प्रकरण में मुस्लिम पक्ष कार मस्जिद के वज़ू खाने में मिले शिवलिंग को टूटा हुआ फव्वारा बता रहा है। बता दें कि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने ज्ञानवापी मामले में नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश और अफवाहों के आधार पर वजू खाना बंद करना अन्याय है। बोर्ड के इस बयान के बाद से ही आशंका जताई जा रही थी कि अब बोर्ड इस तरह के मामलों की पैरवी करेगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जिम्मेदार लोगों ने मौजूदा वक्त के ज्वलंत मुद्दों पर बोर्ड अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में बैठक की। बैठक में बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य असदुद्दीन ओवैसी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

वहीं, इस बैठक में निर्णय लिया गया कि, ज्ञानवापी मस्जिद में बोर्ड की तरफ से एक लीगल कमेटी बनेगी, जिसमे कानूनी तौर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ज्ञानवापी मामले में एक कमेटी बनाएगी और ज्ञानव्यापी मामले में इन्तिज़ामिया कमेटी से पूरा मामला टेक ओवर करेगी। उसके बाद कोर्ट में आगे की कार्रवाई बोर्ड की तरफ से बनाई गई लीगल टीम द्वारा की जाएगी। अगले दो-तीन दिनों के भीतर दिल्ली में एक बैठक बुलाकर लीगल कमेटी का गठन किया जाएगा।

 

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