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National Education Policy 2020 के एक साल पूरे : पीएम मोदी, बोले- 11 भाषाओं में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई

देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के एक साल पूरे होने पर क्षेत्र में अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा वास्तुकला सहित कई महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 8 राज्यों में 14 इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering College)  हैं, जो हिंदी-तमिल, तेलुगु, मराठी और बांग्ला सहित 5 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करते हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy) के एक साल पूरे होने पर क्षेत्र में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा वास्तुकला सहित कई महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 8 राज्यों में 14 इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering College)  हैं, जो हिंदी-तमिल, तेलुगु, मराठी और बांग्ला सहित 5 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करते हैं।

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पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि अब शुरू किया गया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का कार्यक्रम हमारे युवाओं को भविष्योन्मुखी बनाएगा और एआई-संचालित अर्थव्यवस्था के लिए एक रास्ता तैयार करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया है। जो खुलापन नीति के स्तर पर है, वही खुलापन छात्रों को मिल रहे विकल्पों में भी है। अब छात्र कितना पढ़ें, कितने समय तक पढ़ें, ये सिर्फ संस्थाएं तय नहीं करेंगी।

पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि बीते एक साल में देश के आप सभी महानुभावों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है। पीएम मोदी ने शिक्षा की महत्ता को लेकर कहा कि भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे? ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े फैक्टर्स में से एक है।

आज के युवाओं की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है। इसलिए, उसे एक्सपोजर चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) ने कहा कि नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है। जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस (Artifical Intelligence) के प्रोग्राम को अभी लॉन्च किया गया है, वह भी हमारे युवाओं को फ्यूचर ओरिएंटेड बनाएगा, AI ड्राइवन इकोनॉमी के रास्ते खोलेगा। उन्होंने कहा कि हमने-आपने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा, लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेश से स्टूडेंट्स भारत आएं, बेस्ट संस्थाएं भारत आएं, ये अब हम देखने जा रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया है, जो खुलापन नीति के स्तर पर है। वही खुलापन छात्रों को मिल रहे विकल्पों में भी है। अब छात्र कितना पढ़ें, कितने समय तक पढ़ें, ये सिर्फ संस्थाएं तय नहीं करेंगी, इसमें छात्रों की भी सहभागिता होगी। पीएम मोदी ने कहा कि आज बन रही संभावनाओं को साकार करने के लिए हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे होना पड़ेगा, एक कदम आगे का सोचना होगा। हेल्थ हो, डिफेंस हो, इंफ्रास्ट्रक्चर हो, टेक्नालॉजी हो, देश को हर दिशा में समर्थ और आत्मनिर्भर होना होगा।

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इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब देशी भाषाओं में शुरू किए जाने की बात करते उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं-हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं। इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी डेवलप किया जा चुका है।उन्होंने कहा कि भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय यानी एक विषय का दर्जा प्रदान किया गया है। अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे। इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा, हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेगी।

एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (Academic Bank Of Credit) का शुभारंभ

प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का भी शुभारंभ किया है, जो उच्च शिक्षा में छात्रों के लिए कई प्रवेश और निकास का विकल्प प्रदान करेगा। इसके साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए दिशा-निर्देश भी जारी करेंगे।

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