सोनौली : नेपाल सरकार ने स्वास्थ्य परीक्षण का हवाला देकर भारतीय बकरे को नेपाल में बेचने पर रोक लगा दिया है। दशहरे पर्व पर इसकी खपत को लेकर अब भारतीय क्षेत्र के पगडंडी से इसकी तस्करी शुरू हो गई। नेपाल में दशहरे के पर्व पर इसकी बलि दिए जाने की प्रथा है। करीब आठ महीने पूर्व नेपाल सरकार ने भारतीय बकरे के स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर भारत से नेपाल लाने पर रोक लगा दिया था।
बताया जा रहा है कि इन दिनों नेपाल के काठमांडू और पोखरा में बकरे का मांस प्रति किलो एक हजार नेपाली रुपये में बिक रहा है। उसके बाद भी पर्याप्त मात्रा में यह उपलब्ध नहीं है। भारत से नेपाल बकरों से भरी करीब 20 से 25 ट्रक हर रोज जाती थी। लेकिन प्रतिबंध लगने के बाद ही कारोबारी बकरों को भेजना बंद कर दिए थे।
लेकिन दशहरा पर भारतीय बकरों की नेपाल में खपत को देखते हुए ब्यापारियों ने एक बार कारोबार का मन बनाया तो नेपाल सरकार की सख्ती की वजह से उनकी मंशा पर पानी फिर गया। व्यापारियों के मुताबिक एक ट्रक में करीब 40 से 50 बकरों को भेजा जाता था। लेकिन प्रतिबंध से काफी नुकसान हो रहा है।
नेपाल भैरहवा कस्टम कार्यालय चीफ कमल भटराई ने बताया कि बकरे को नेपाल में बेचने के लिए पहले स्वास्थ्य परीक्षण रिपोर्ट का होना जरूरी है। बिना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के बकरे को पास नहीं किया जा सकता है। सरहद के पास दोनो देशों में परीक्षण केंद्र नहीं है।
एसएसबी कंपनी कमांडर सोनौली अमित कुमार ने बताया कि बकरे की तस्करी के बारें में जानकारी मिली है। बार्डर पर जवान सतर्क है। कड़ी निगरानी की जा रही है।
नेपाल सरकार के प्रतिबंध से दशहरे में होने वाला लाभ प्रभावित हो रहा है। नजदीक जांच की व्यवस्था रहती तो समस्या नहीं होती। नेपाल में बकरे की बलि देने की प्रथा को लेकर लोग दशहरे से पहले ही इसकी खरीद कर लेते थे। लेकिन इस बार बहुत ही मारा मारी है। सरहद के निकट रहने वाले लोग एक बकरे की खरीद सोनौली सहित आस पास के बाजारों से कर रहे हैं।
भारत नेपाल में बकरों को भेजने के लिए बहराइच समेत अन्य जिलों से बकरें जाए जाते थे। अंबेडकर नगर, गोरखपुर के अलावा महराजगंज जिले के कोल्हुई कस्बे से बकरों की खेप नेपाल भेजी जाती थी। प्रतिबंध के कारण कारोबारी इन मंडियों से व्यापार कम कर दिए हैं। उन्हें उम्मीद है कि नेपाल सरकार शायद नियमों में कुछ छुट दे तो व्यापार शुरू होता।
गृह मंत्रालय पहुंचे जिलाध्यक्ष आल इंडिया जैमतुल कुरैशी
नेपाल में भारतीय बकरो के प्रतिबंध होने से सीमावर्ती क्षेत्र के बकरे व्यवसायियों व कुरैशी समाज के लोगो के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है । जिसको देखते हुए आल इंडिया जैमतुल कुरैशी महराजगंज के जिलाध्यक्ष वारिश कुरैशी व अब्दुल्लाह कुरैशी ने गृह मंत्रालय भारत सरकार दिल्ली जाकर एक पत्र सौंपा और नेपाल में बकरे मेडिकल परीक्षण के नाम पर रोकने की समस्या को अवगत करा । और बताया की मेडिकल जांच प्रमाण पत्र मिलने की ब्यवस्था कलकता में हैं। नजदीक कहीं जांच प्रमाण पत्र मिलने की व्यवस्था नहीं है। जो कलकत्ता आने जानेे में 4 से 5 दिन लगते है ।