कुंडली के नवग्रह जातक को उपलब्धियां देते है। वहीं यही नवग्रह के दोष भी व्यक्ति के कुंडली में पाये जाते है। नवग्रहों का संतुलन कुंडली में होना आवश्यक है।
Navgrah Dosh Ke Upay : कुंडली के नवग्रह जातक को उपलब्धियां देते है। वहीं यही नवग्रह के दोष भी व्यक्ति के कुंडली में पाये जाते है। नवग्रहों का संतुलन कुंडली में होना आवश्यक है। यदि कोई ग्रह पीड़ा दे रहा है तो उसके उपाय से उसको शांत किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही सरल उपाय बताए गए है। आइये जानते है नौ ग्रहों को शांत करने के उपायों के बारे में।
सूर्य
यदि आप सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए लाल रंग के फूल, इलायची, केसर और गुलहठी मिलाकर नहाना चाहिए।
चंद्रमा
यदि आप चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव से बचना चाहते हैं तो सफेद चंदन, सफेद सुगंधित फूल, गुलाब जल या शंख में जल भरकर स्नान करें।
बुध
यदि आप बुध ग्रह को प्रसन्न करने हैं, तो नहाने के पानी में जायफल, शहद, चावल मिलाकर नहाएं।
बृहस्पति
यदि आप बृहस्पति ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से बचना चाहते हैं, तो नहाने के पानी में पीली सरसों, गूलर और चमेली के फूल मिला कर स्नान करें।
शुक्र
शुक्र ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नहाने के पानी में गुलाब जल, इलायची और सफेद फूल डालकर स्नान करें, लाभ होगा।
शनि
शनि के अशुभ प्रभाव को कम करना चाहते हैं नहाने के पानी में काली तिल, सौंफ, सुरमा या लोबान मिलाकर भी नहा सकते हैं।
राहु
यदि आप राहु के नकारात्मक प्रभाव से बचना चाहते हैं तो नहाने के पानी में कस्तूरी, लोबान मिलाकर स्नान करें।
केतु
केतु के कष्टों से छुटकारा पाने के लिए नहाने के पानी में लोबान, लाल चंदन मिलाकर स्नान करने से लाभ होगा।