नई दिल्ली। देश के अन्नदाता यानि किसान, जिनकी मेहनत की वजह से हमें दो वक़्त की रोटी नसीब होती है। एक बार फिर किसानों की आत्महत्या का मामला गरमा गया है। दो साल बाद नेशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो(एनसीआरबी) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि साल 2016 में भारत में एक साल के अंदर कुल 11379 किसानों ने आत्महत्या की है।
यह आंकड़ा एनसीआरबी की 2016 की ‘एक्सिडेंटल डेथ एंड सुसाइड’ रिपोर्ट में सामने आया है। आंकड़ों की मानें तो एक महीने में 948 और एक दिन में 31 किसानों ने आत्महत्या की है। वहीं, इससे पहले 2015 की एक रिपोर्ट भी जारी की गयी थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि साल दर साल किसानों की आत्महत्या के मामलों में कुछ कमी आई है। 2016 में जहां 11,379 किसानों ने खुदकुशी की तो वहीं 2014 में 12,360 और 2015 में 12,602 किसानों ने आत्महत्या कर ली।
किसानों की आत्महत्या में पुरुषों की संख्या ज्यादा है जबकि पूरे देश में 8.6 फीसदी महिला किसानों ने भी आत्महत्या की है। पिछली रिपोर्ट में फसलों की बर्बादी, बीमारी, पारिवारिक कठिनाई और कर्ज जैसे कारण जिम्मेदार बताए गए थे। हालांकि हाल ही में जारी आंकड़ों में एनसीआरबी ने आत्महत्याओं के पीछे के कारणों का उल्लेख नहीं किया है। हालांकि साल 2015 में किसान आत्महत्याओं से जुड़े मामलों में 80 फीसदी दिवालियापन और कर्ज से जुड़े थे।