सोनौली: नेपाल में भारतीय पर्यटक वाहनों पर जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) लगाया जाएगा। नेपाल पर्यटन बोर्ड ने इसकी तैयारी तेज कर दी है। जीपीएस लगने से भारतीय एवं अन्य विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के साथ ही वाहनों की निगरानी हो सकेगी। पर्यटक वाहनों में जीपीएस नि:शुल्क लगाया जाएगा। वापसी में वाहनों से जीपीएस निकाल लिया जाएगा।
नेपाल के सांस्कृतिक, पर्यटन व नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव शशि राम न्योपने ने सोनौली सीमा से सटे नेपाल के बेलहियां में रविवार को कहा कि उनकी सरकार पर्यटकों की सुरक्षा व निगरानी को लेकर गंभीर है। नेपाल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है। इसी के तहत पर्यटक वाहनों में जीपीएस लगाने का फैसला किया गया है। जीपीएस को टूरिज्म सेटेलाइट एप से जोड़ा जाएगा। इससे पर्यटकों और उनके वाहनों की पूरी जानकारी मंत्रालय के पास रहेगी। यह व्यवस्था जल्द ही लागू कर दी जाएगी।
न्योपने ने बताया कि सबसे अधिक पर्यटक सोनौली सीमा के रास्ते नेपाल आते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए उनके वाहनों में सरहद पर ही यातायात पुलिस जीपीएस लगा देगी। इससे नेपाल भ्रमण के दौरान उनके वाहन पर्यटन मंत्रालय की निगरानी में रहेंगे। वापसी के दौरान जीपीएस निकाल लिया जाएगा।
हर रोज औसतन 300 पर्यटक वाहन आते हैं नेपाल
भारत से नेपाल में हर दिन औसतन 300 पर्यटक वाहन आते हैं। छुट्टियों के दिनों में यह संख्या दोगुनी हो जाती है। भारतीय पर्यटक नेपाल के पोखरा, काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर व मुक्तिनाथ मंदिर आदि जाना पसंद करते हैं। अन्य देशों के पर्यटक भी काफी संख्या में नेपाल जाते हैं। इनमें श्रीलंका, भूटान के पर्यटक खास तौर पर लुंबिनी जाते हैं। भैरहवा भंसार कार्यालय के अनुसार प्रतिदिन औसतन तीन सौ भारतीय गाड़ियां पर्यटकों को लेकर नेपाल आती-जाती हैं।