लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में अगर सबसे बड़ा कोई राजनीतिक घराना है तो वो है सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का. हालांकि 2012 में जब मुलायम सिंह ने सीएम की कुर्सी पर अपने बेटे अखिलेश को बिठा दिया तो उनके भाई शिवपाल को ये नागंवार लगा. हालांकि पूरी सरकार 5 साल चली लेकिन जैसे ही चुनाव हुआ तो चाचा शिवपाल की नाराजगी चरम पर थी. इसी का नतीजा रहा कि चुनाव परिणाम में सपा को बुरी सिकस्त का सामना करना पड़ा और फिर चाचा शिवपाल ने अपनी प्रगतिशील पार्टी की स्थापना कर ली. वही लोकसभा चुनाव में दोनो को हार का सामना करना पड़ो तो दोनो में नजदीकियां एकबार फिर बढ़ना शुरू हो गयी हैं.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू में कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी बसपा और कांग्रेस जैसे किसी भी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेगी. साथ ही उन्होंने चाचा शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के साथ गठबंधन पर खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन साफ़ किया है कि समाजवादी पार्टी उनके खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेगी.
न्यूज18 से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी किसी भी बड़े दल जैसे बसपा और कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी. छोटे दलों से बातचीत चल रही उनके साथ चुनाव लड़ा जाएगा. चाचा शिवपाल की पार्टी में वापसी और गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल पार्टी उनके खिलाफ चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारेगी. बता दें कुछ दिन पहले ही अखिलेश यादव के निर्देश पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने शिवपाल यादव की सदस्यता रद्द करने वाली याचिका वापस ले ली थी.
इस दौरान अखिलेश यादव ने कोरोना संकट को लेकर कहा कि लॉकडाउन हटाना ठीक या गलत नहीं कह सकते, लेकिन कोरोना बीमारी ख़त्म नहीं हुई. बीजेपी ने मजदूरों की चिंता नहीं की. समाजवादी पार्टी के लोगों ने मजदूरों की मदद की. जिस रास्ते पर कांग्रेस चल रही थी अब उसी पर बीजेपी चल रही है. बीजेपी जो रास्ता अपना रही है वह कांग्रेस का है. क्या खेती को निजी हाथों में देकर कोई फायदा होगा? किसान खुशहाल होगा. गन्ने की कीमत नहीं मिल रहा. बकाया भुगतान नहीं हो रहा. फसल की डेढ़ गुनी कीमत देने के वादा क्या हुआ. सब कुछ बर्बाद हो गया. अखिलेश यादव ने कहा कि आर्थिक मदद का कोई लाभ नहीं मिला. समाजवादी पार्टी का मानना है की जिस तरह कारखानों और उद्योगों का समर्थन कांग्रेस करती आई है वैसा ही अब बीजेपी कर रही है.