नई दिल्ली: कोरोना वायरस पूरी दुनिया में अपना कहर बरसा रहा है। इस घातक महामारी से निपटने के लिए दुनिया भर के तमाम वैज्ञानिक कोशिश कर रहे हैं। इस बीच एक नई स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि लोगों को कोरोना वायरस की महामारी के प्रकोप से अगले 18 से 24 महीनों तक जूझना होगा। अमेरिकि शोधकर्ताओं ने इस नई स्टडी में दुनियाभर की सरकारों को आगाह किया है कि अगले दो सास तक वो वायरस के समय-समय पर दस्तक देने की स्थिति के लिए तैयार रहें।
यह स्टडी अमेरिका के मिनेसोटा यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर इंफेक्शियस डिजीज रिसर्च एंड पॉलिसी की ओर से की गई है, जो कि इन्फ्लुएंजा महामारी के पिछले पैटर्न पर बेस्ड है। इस स्टडी में चार लोगों (डॉ. क्रिस्टीन ए मूर, डॉ. मार्क लिप्सिच, जॉन एम बैरी और माइकल टी ओस्टरहोम) ने मिलकर किए थे। स्टडी में कहा गया है कि फिलहाल COVID- 19 के पैथोजेंस को देखते हुए उसे लेकर पहले से कोई भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता। वैज्ञानिकों का मानना है कि Covid-19 वायरस और इन्फ्लुएंजा वायरस में काफी अंतर होने के बाद भी काफी समानताएं हैं।
दोनों मुख्य वायरस मुख्य रूप से सांस की नली से ही फैलते हैं। ये दोनों ही वायरस बिना लक्षण के भी फैलता है। साथ ही Covid-19 वायरस और इन्फ्लुएंजा वायरस दोनों ही लाखों लोगों को संक्रमित करने और दुनियाभर में तेजी से पांव फैलने में सक्षम होता है। दोनों ही नोवेल वायरल पैथोजंस होते हैं।
स्टडी में Covid-19 वायरस और इन्फ्लुएंजा वायरस की एपिडेमियोलॉजी यानि महामारी विज्ञान में अहम समानताओं और विभिन्नताओं के आधार पर कोरोना वायरस महामारी के कुछ संभावित परिदृश्यों का अनुमान लगाया जा सकता है। पहले परिदृश्य के मुताबिक, रिसर्चर का अनुमान है कि इस साल (2020) के बसंत में कोरोना वायरस के पहले शिखर बाद गर्मियों में कई छोटी लहरें देखने को मिलेंगी। उनका मानना है कि यह सिलसिला 1-2 साल तक चलता रहेगा। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि ये लहरें कुछ स्थानीय फैक्टर्स, भूगोल और रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों पर भी निर्भर करेंगी।
वहीं दूसरे परिदृश्य के मुताबिक, 2020 के के पतझड़ या सर्दियों में कोरोना की दूसरी और बहुत बड़ी लहर आ सकती है। फिर अगले साल एक या उससे अधिक लहरें आ सकती हैं। इस दौरान रोकथाम के बेहतरीन उपायों की आवश्यकता होगी। वहीं तीसरे परिदृश्य में बताया गया है कि 2020 के बसंत में कोरोना की पहली लहर के बाद संक्रमण और वायरस के मामले आना धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। स्टडी में दुनियाभर के देश के सरकारों को कहा गया है कि उन्हें यह मानते हुए योजना तैयार करनी चाहिए कि यह महामारी जल्द खत्म नहीं होने वाली है। साथ ही अगले 2 साल तक इसके दस्तक देने के लिए तैयार रहना चाहिए।