दक्षिण प्रशांत में स्थित न्यूजीलैंड खुद को कोरोना मुक्त घोषित करने वाला पहला देश बन गया है. वहां अब कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है. न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने कहा है कि जब उन्हें यह खबर मिली तो उन्होंने अपनी बेटी के साथ खुशी से डांस किया. इसके बाद सोमवार को देश के नाम एक संदेश में उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि आखिरी मरीज के भी कोरोना वायरस संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद देश में फिलहाल संक्रमण खत्म हो गया है.’
न्यूजीलैंड में संक्रमण का अंतिम मामला 17 दिन पहले आया था और फरवरी के अंतिम सप्ताह के बाद से अब सोमवार ऐसा दिन बन गया है जब देश में किसी भी संक्रमित व्यक्ति का उपचार नहीं चल रहा है. अर्डर्न ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि न्यूजीलैंड ने पिछले 17 दिनों में 40,000 लोगों की जांच की है और पिछले 12 दिन से कोई अस्पताल में भी नहीं है. मंत्रिमंडल ने मध्यरात्रि से देश को खोलने के दूसरे चरण को लेकर सहमति दे दी है.
"I did a little dance." New Zealand Prime Minister Jacinda Ardern says when she heard there were no more active coronavirus cases in the country she started "dancing around the lounge." #coronavirus #newzealand #health #jacindaardern #covid19@ABC pic.twitter.com/NxQlLWMpPs
— Siamak-Davari (@SiamakDavari) June 8, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से दोबारा मामले सामने आएंगे लेकिन यह विफलता की निशानी नहीं होगी, यह इस वायरस की वास्तविकता है. लेकिन हमें पूरी तैयारी रखनी है.
सख्ती से लागू किए लॉकडाउन के नियम
विशेषज्ञों का कहना है कि 50 लाख की आबादी वाले इस देश से संक्रमण खत्म होने के पीछे कई वजहे हैं. दक्षिण प्रशांत में स्थित होने की वजह से इस देश को यह देखने का मौका मिला कि दूसरे देशों में यह संक्रमण कैसे फैला और अर्डर्न ने तेजी से कदम उठाते हुए देश में संक्रमण की शुरुआत में ही लॉकडाउन के कड़े नियम लागू किए और देश की सीमाओं को भी बंद कर दिया.
बता दें, न्यूजीलैंड में कोरोना वायरस ने सिर्फ 1,500 लोगों को अपनी चपेट में लिया था. इनमें से 22 लोगों की मौत हो गई, बाकी ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए. 28 फरवरी को यहां पहला कोरोना मरीज सामने आया था. 18 मार्च से अचानक संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी थी. इसके बाद 19 मार्च को पीएम ने देश में विदेशियों की एंट्री बैन कर दी थी. 23 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान हुआ, जिसका सख्ती से पालन हुआ. फिर 15 अप्रैल से कम मामले सामने आने लगे.