नई दिल्ली। निर्भया केस के दोषी मुकेश की दया याचिका गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास भेज दी थी जिसपर सुनवाई करते हुए राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी। बताया गया कि गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति से इसे खारिज करने की भी अपील की गयी थी। बता दें कि इस मामले में चार दोषियों को काफी पहले ही फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है लेकिन कानूनी दांव पेंच के चलते अभी तक उनको फांसी नही दी जा सकी।
गौरतबल है कि बीते 7 जनवरी को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में दोषी विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन गुप्ता का डेथ वारेंट जारी कर दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने इसके लिए 22 जनवरी की तारीख मुकम्मल की थी लेकिन जैसे ही तारीखों का ऐलान हुआ तो दो दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका डालते हुए मौत की सजा कम करने और डेथ वारेंट की तारीख रद्द करने की मांग की। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी लेकिन दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति से दया याचिका मांग ली। अब दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी हे। ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट डेथ वारेंट की तारीख का ऐलान कर सकता है।
आपको बता दें कि निर्भया के साथ दिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 को दरिंदगी हुई थी, उस मामले में 6 दोषियों को गिरफ्तार किया गया था। जब इस मामले पर फैसला आया तो एक दोषी को नाबालिग करार देते हुए अदालत ने 3 साल के लिए बाल सुधार ग्रह भेज दिया वहीं पांच दोषियों राम सिंह, मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को फांसी की सजा सुना दी गयी। इसके कुछ ही दिनो बाद दोषी रामसिंह ने जेल में ही आत्महत्या कर ली जबकि अन्य चारों ने दूसरी अदालतों के दरवाजे खटखटाये। आखिरकार बीते 7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों का डेथ वारेंट जारी कर दिया। लेकिन दिल्ली की निचली अदालत के मुताबिक दया याचिका की वजह से 22 जनवरी को फांसी नही दी जा सकती।