1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी व्रत आज ,जानें पारण का शुभ मुहूर्त और महत्व

Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी व्रत आज ,जानें पारण का शुभ मुहूर्त और महत्व

भगवान विष्णु की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। भक्तों द्वारा विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए अनेकों व्रत अनुष्ठान किये जाते हैं। व्रतों में निर्जला एकादशी व्रत बहुत ही श्रेष्ठ है। पंचांग के अनुसार 21 जून 2021, सोमवार को ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

लखनऊ : भगवान विष्णु की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। भक्तों द्वारा विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए अनेकों व्रत अनुष्ठान किये जाते हैं। व्रतों में निर्जला एकादशी व्रत बहुत ही श्रेष्ठ है। पंचांग के अनुसार 21 जून 2021, सोमवार को ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस तिथि को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। ज्येष्ठ मास का यह प्रमुख व्रत है। इस व्रत को रखने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। निर्जला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

पढ़ें :- Hanuman Janmotsav 2024 : हनुमान जयंती पर बन रहा है अद्भुत शुभ योग , जानें उपाय और मुहूर्त

हर महीने में दो एकादशियां होती हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है। प्रत्येक एकादशी में भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने और उनकी पूजा करने का विधान है। एकादशी का व्रत रखने से श्री हरि अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
निर्जला एकादशी व्रत का आरंभ एकादशी की तिथि से होता है और द्वादशी की तिथि में पारण के उपरांत समाप्त होता है। एकादशी व्रत को सभी व्रतों में उत्तम बताया गया है।  निर्जला एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जाएगा। इसी दिन विधि पूर्वक इस व्रत का संकल्प लेकर पूजा अर्चना आरंभ करनी चाहिए। एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त, आइए जानते हैं-

निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त:

एकादशी तिथि प्रारंभ- 20 जून, 2021 को शाम 4 बजकर 21 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 21 जून, 2021 को दोपहर 1 बजकर 31 मिनट तक
व्रत पारण का समय- 22 जून,  सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 8 बजकर 12 मिनट तक

एकादशी व्रत का पारण व्रत के अगले दिन किया जाता ह। मान्यता है कि व्रत का पारण सूर्योदय के बाद करना चाहिए। व्रत का पारण द्वादशी की तिथि समाप्त होने से पहले करना ही श्रेष्ठ होता है। द्वादशी की तिथि यदि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाए तो व्रत का पारण सूर्योदय के बाद करना चाहिए।

पढ़ें :- 19 अप्रैल 2024 का राशिफलः इन राशि के लोगों को आज मिल सकता है भाग्य का साथ, पढ़ें आपका कैसा रहेगा दिन

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...