1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Nirjala Ekadashi 2022 : निर्जला एकादशी के दिन व्रती फर्श पर सोएं, भगवान विष्णु की पूजा से मिलता है मोक्ष

Nirjala Ekadashi 2022 : निर्जला एकादशी के दिन व्रती फर्श पर सोएं, भगवान विष्णु की पूजा से मिलता है मोक्ष

एकादशी व्रत में श्रेष्ठ निर्जला एकादशी व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का सबसे शुभ ति​​थि् है। जीवन में जन्म मरण के चक्र से मुक्ति पाने के लिए श्री ​हरि विष्णु की अराधना की जाती है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Nirjala Ekadashi 2022 : एकादशी व्रत में श्रेष्ठ निर्जला एकादशी व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का सबसे शुभ ति​​थि् है। जीवन में जन्म मरण के चक्र से मुक्ति पाने के लिए श्री ​हरि विष्णु की अराधना की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार,  इस व्रत का पाने करने से जन्म मरण के भव बन्धन से जीव को मुक्ति मिल जाती है। ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में।

पढ़ें :- Vastu Tips : घर से बाहर निकाल दें ये चीजें, घर में बढ़ेगी सुख समृद्धि

निर्जला एकादशी तिथि 2022
निर्जला एकादशी 2022 तिथि 10 जून, सुबह 07:25 मिनट आरंभ होगी और अगले दिन 11 जून, शाम 05:45 मिनट पर समाप्त होगी।

निर्जला का अर्थ है बिना जल के।  निर्जला एकादशी में अन्न जल का परिहार होता है। इस व्रत में तामसिक खादय पदार्थों का सेवन वर्जित है। भगवान विष्णु को उनकी प्रिय वस्तुएं चढ़ा कर उनकी पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक निर्जला एकादशी के दिन बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने पर व्रत का फल नहीं मिलता है. ऐसे में व्रती को चाहिए कि इस दिन फर्श पर सोएं।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...