नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने अफसरों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने काम नहीं करने वाले अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों जो फाइल दबाकर बैठे रहते हैं और न तो खुद कोई फैसला करते हैं और न दूसरों को करने देते हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा। नितिन गडकरी ने कहा कि लालफीताशाही हरगिज बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
सोमवार को सड़क सुरक्षा से जुड़ बैठक में नितिन गडकरी ने कहा कि धैर्य की सीमा होती है। ऐसे अधिकारी जो समय पर निर्णय न कर सड़क सुरक्षा से समझौता करते हैं या जो विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में गड़बडी या गलत इंजीनियंग के लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
गडकरी ने कहा कि भारत देश में आतंकवाद या नकस्लवाद की वारदात से ज्यादा लोग सड़क हादसे में जान गंवा देते हैं। उन्होंने इस परिदृश्य को दुर्भाग्यूपर्ण और दर्दनाक करार दिया। गडकरी ने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के तमाम प्रयासों के बावजूद भारत इस मामले में दुनिया में पहले नंबर पर है। यहां सड़क हादसों में मारे जाने वाले व्यक्तियों में 65 प्रतिशत 18 से 35 साल के बीच के होते हैं।
गडकरी ने कहा कि इस साल हम प्रतिदिन 30 किलोमीटर सड़क बनाने लगेंगे। प्रधानमंत्री ने पूछा है कि जो लोग काम नहीं करते हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। ऐसे कितने लोगों को सेवानिवृत्त किया गया है। मैंने अपने सचिव से पूछा है कि काम नहीं करने वाले कितनों लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।