नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र की मोदी सरकार का विपक्ष विरोध कर रहा है। इस विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर भारत बंद है, जबकि असम में इसको लेकर विरोध हो रहा है। पूर्वोत्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) ने इस विधेयक के खिलाफ शाम चार बजे तक बंद का आह्वान किया है। कई अन्य संगठनों और राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है। इस बंद के आह्वान के मद्देनजर असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
नगालैंड में चल रहे हॉर्नबिल महोत्सव की वजह से राज्य को बंद के दायरे से बाहर रखा गया है। बता दें कि पूर्वोत्तर के भारत बंद का समर्थन कांग्रेस, एआईयूडीएफ, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, कृषक मुक्ति संग्राम समिति, ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन, खासी स्टूडेंट्स यूनियन और नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन जैसे संगठन कर रहे हैं।
वहीं, गुवाहाटी विश्वविद्यालय और डिब्रुगढ़ विश्वविद्यालय ने कल होने वाली अपनी सभी परीक्षाएं टाल दी हैं। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस विधेयक का विरोध करेंगी क्योंकि यह विभाजनकारी विधेयक है। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी नागरिक का दर्जा घटाकर शरणार्थी का करने नहीं दिया जाएगा।
वहीं नागरिकता विधेयक और छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किए जाने की मांग पर दबाव बनाने के लिए ऑल मोरान स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू) ने 48 घंटे के असम बंद के पहले दिन कई जिलों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ। क्षेत्र में सभी छात्र संगठनों के की आशंकाओं को दूर किए जाने के बावजूद असम और त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन हुए।