नई दिल्ली: सफल लोगों का प्रतिशत काफी कम होता है। हालांकि आपको शायद ही पता हो कि अधिकांश लोग इसलिए असफल नहीं होते कि उनमें योग्यता नहीं होती, बल्कि कुछ सामान्य बातों का ख्याल नहीं रखने के कारण असफल होते हैं। ऐसे लोग हीनता के शिकार होते हैं, जिससे वे सफलता की दौड़ से खुद ही बाहर होते चले जाते हैं। आज हम आपको उन 8 आदतों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी वजह से हम असफल हो जाते हैं। यहां हम उन आदतों से उबरने के उपाय भी बता रहे हैं-
असफलता को नहीं स्वीकारना
असफलता को स्वीकारना सफलता की तरफ कदम बढ़ाने की पहली शर्त है। कोई शक नहीं कि असफल होने से अक्सर आप टूट जाते हैं, भले ही वह अधिक या फिर कम समय के लिए हो। अक्सर लोग आपको यह कहते मिलेंगे कि असफलता से ध्यान हटा लो सफलता मिल सकती है, लेकिन सच्चाई यह है कि असफलता से ध्यान हटाने से उसके असर से आप दूर नहीं हो सकते। इसके अलावा, दूसरों पर असफलता का ठीकरा फोड़ने से भी आप उससे बेअसर नहीं हो सकते। इसलिए सबसे जरूरी है कि उसे स्वीकार करें। इससे आपके व्यक्तित्व और समझ का दायरा बढ़ता है और सफलता की राह आसान होती है। असफलता को स्वीकार नहीं करने से आप निराशावादी, मूडी, क्रोधी और दुखी बनते चले जाते हैं। इससे सफलता और दूर हो जाती है।
एक असफलता का मतलब असफल हो जाना नहीं होता
इस बात को हमेशा याद रखें कि असफलताओं का मतलब असफल हो जाना नहीं होता। दुनिया में जितने भी लोग काफी सफल हुए हैं, उन्हें अनगिनत असफलताएं झेलनी पड़ी हैं। आप आज असफल हो गए हैं, इसका यह मतलब नहीं है कि आप कल भी असफल ही होंगे। अगर आप खुद को लगातार अपडेट करते रहते हैं तो तय है कि कल आप सफल होंगे।
रचनात्मक बनकर परिस्थितियों से नहीं सीखना
लचीलापन हमेशा आपको रचनात्मक बनाता है। इससे आप परिस्थितियों से सीखना जान जाते हैं। रचनात्मक आदमी ही असफलता से सीख और फीडबैक भी ले पाते हैं। ऐसे लोग यह समझने में सक्षम होते हैं कि उन्होंने कहां गलती की है, क्या सीख लेनी है और अगला कदम कब और कहां लिया जाना चाहिए। ऐसे लोग ही हठ, नकारात्मकता और निराशावाद से भी निकल पाते हैं। माइकल जॉर्डन की बात यहां काफी प्रासंगिक है। उन्होंने एक बार कहा था कि मैं इसलिए सफल रहा हूं, क्योंकि मैं अपने करियर में 9000 से अधिक शॉट्स मिस किए, मैं लगभग 300 गेम्स में हारा और विनिंग शॉट यानी अंतिम शॉट मारने में मैं 26 बार असफल रहा, जबकि मुझपर विश्वास जताया गया था।
अपनी असफलता को दबाना या छुपाना
असफलता से पैदा होने वाली निगेटिव भावनाओं और विचारों को दबाना या झुठलाना नहीं चाहिए। हार का एक बड़ा कारण यह है कि लोग इसे दूसरों से शेयर नहीं करते हैं। अपनी असफलता को अपने करीबियों और समझदार लोगों से जरूर शेयर करें, ताकि उनसे आपको कुछ इनपुट मिल सके।
प्रेरणा और सपोर्ट नहीं लेना
अपने खास लोगों से बातचीत हमेशा मददगार होती है। इसके अलावा आप जिस क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, उस क्षेत्र में सफल लोगों से जरूर बातचीत करें। उनसे यह जानने की कोशिश करें कि उन्होंने बाधाओं और असफलता का सामना किस तरह किया। इसके अलावा प्रेरणास्पद पुस्तकें, ऑडियो आदि की मदद जरूर लें।
किसी भी प्लान पर तुरंत काम शुरू नहीं करना
अक्सर हम प्लान तो बनाते हैं, लेकिन इस पर अमल नहीं करते हैं। यही कारण है कि अधिकांश लोग सफलता की दिशा में ठोस कदम रख भी नहीं पाते हैं। वे सोचते हैं कि प्लान जब परफेक्ट हो जाएगा, तब इस पर अमल करेंगे, जो कभी हो ही नहीं सकता। हां, अपने प्लान को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटें और फिर प्राथमिकता के आधार पर उसका क्रियान्वयन करें। इससे आपका काम आसान हो जाएगा।
अपने आत्मसम्मान का स्तर नहीं बढ़ाना
याद रखें कि बाधाओं से उबरने में आत्मसम्मान का सबसे बड़ा हाथ होता है। इससे आप जिम्मेदारी स्वीकार करने से भी नहीं हिचकते हैं, क्योंकि आपका आत्मबल मजबूत रहता है। इस बात को भी हमेशा याद रखें कि किसी भी तरह की असफलता के लिए आप 100 फीसदी जिम्मेदार नहीं होते हैं।