1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. अब बेंगलुरु में सिख लड़की को पगड़ी उतारने को कहा गया, SGPC ने बताया धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला

अब बेंगलुरु में सिख लड़की को पगड़ी उतारने को कहा गया, SGPC ने बताया धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ( SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने बेंगलुरु के एक कॉलेज ने अमृतधारी सिख लड़की को कॉलेज में पगड़ी उतारने के लिए कहा है। इस पर एसजीपीसी ( SGPC)  अध्यक्ष ने गुरुवार को कड़ी आपत्ति जताई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ( SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने बेंगलुरु के एक कॉलेज ने अमृतधारी सिख लड़की को कॉलेज में पगड़ी उतारने के लिए कहा है। इस पर एसजीपीसी ( SGPC)  अध्यक्ष ने गुरुवार को कड़ी आपत्ति जताई है।

पढ़ें :- Lok Sabha Election 2024 : यूपी में 5 बजे तक 57.54 प्रतिशत मतदान, बंगाल में 78% वोटिंग, जानें- कहां कितना हुआ मतदान

एसजीपीसी ( SGPC) ने इस संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Karnataka Chief Minister Basavaraj Bommai) को एक पत्र लिखा है। इसके साथ ही राज्य में सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उन्हें भारत में सिखों के योगदान की याद भी दिलाई है। एसजीपीसी अध्यक्ष (SGPC Chairman) श्री धामी ने कहा कि सिखों को अपने ही देश में पगड़ी उतारने के लिए मजबूर करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि यह एक तानाशाही निर्णय है, जिसे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। सिख धर्म में पगड़ी का बहुत महत्व है और यह सिख पोशाक का एक अभिन्न अंग है। किसी को भी पगड़ी उतारने के लिए मजबूर करना सिख परंपराओं और सिद्धांतों का उल्लंघन है।

एसजीपीसी अध्यक्ष (SGPC Chairman) ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में सिख समुदाय ने 80 फीसदी से ज्यादा कुर्बानी दी है। देश की संस्कृति आज भी सिखों के कारण जिंदा है। उन्होने कहा कि भारत में सिखों की पगड़ी पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जहां सिखों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और सेना प्रमुख के रूप में काम किया है। दुनिया भर में सिख पगड़ी पहनते हैं। देश के विभिन्न शीर्ष पदों पर काम कर रहे हैं,जबकि अपने ही देश भारत में पगड़ी को चुनौती दी जा रही है। एडवोकेट धामी ने कहा कि सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता का दमन कभी भी देश हित में नहीं हो सकता।

एडवोकेट धामी ने इस मामले में भारत के प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप और लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए हर राज्य को निर्देश जारी करने की भी मांग की है। उन्होंने कर्नाटक सरकार से सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए इस तरह का कृत्य करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और इसमें बाधा डालने वाले लोगों की जवाबदेही तय करने की सख्त मांग की। एडवोकेट धामी ने कहा कि सिख समुदाय अपनी धार्मिक स्वतंत्रता के दमन के किसी भी कृत्य को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा और इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।

पढ़ें :- Israel Iran War : Air India ने तेल अवीव जाने वाली सभी उड़ानें रोकी ,  खतरे को देखते हुए लिया फैसला

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...