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अब लोगों ने रामचरितमानस का पाठ बंद कर दिया, इसलिए अपने खर्चे पर पाठ करा रही है योगी सरकार: स्वामी प्रसाद मौर्य

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) ने योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा रामनवमी पर रामचरित मानस (Ramcharitmanas)  का पाठ कराए जाने को लेकर एक बार फिर मंगलवार को विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोगों ने अपने आप रामचरित मानस (Ramcharitmanas) का पाठ करना बंद कर दिया है।

By संतोष सिंह 
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मैनपुरी। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) ने योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा रामनवमी पर रामचरित मानस (Ramcharitmanas)  का पाठ कराए जाने को लेकर एक बार फिर मंगलवार को विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोगों ने अपने आप रामचरित मानस (Ramcharitmanas) का पाठ करना बंद कर दिया है। इसलिए सरकार अपने खर्चे से रामचरितमानस (Ramcharitmanas)  का पाठ कराने को मजबूर हो रही है, जो रामचरित मानस (Ramcharitmanas)  का पाठ कराने की बात कर रहे हैं, वो देश की महिला, आदिवासी और पिछड़ों के सम्मान के दुश्मन हैं।

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स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) ने एक बार भी तुलसीदास का महाकाव्य रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को दुनिया का सबसे विवादित काव्य बताया है। मीडिया से बातचीत करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) ने कहा कि रामचरित मानस (Ramcharitmanas)  में महिलाओं को प्रताड़ित करने, शुद्र समाज को अपमानित करने और जातिसूचक शब्द कहने का काम करती है। उसका पाठ कराने का मतलब सरकार इनके सम्मान की दुश्मन है। इसीलिए इसका बढ़ावा देने के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya)  ने इस दौरान देश के तमाम मुद्दों पर जमकर बयान दिया है।

मौर्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक सरकार को एक धर्म विशेष को बढ़ावा देना, संविधान के निर्देशों का उल्लंघन है। मौर्य ने कहा हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, एक ही धर्म को बढ़ावा क्यों? सरकार सबकी है, अगर सरकार को बढ़ावा देना ही है तो सभी धर्मों को समान रूप से बढ़ावा दीजिए।

मौर्य ने कहा कि अपने सरकारी कोश से धन देने का काम करें उसका हम स्वागत करेंगे। मौर्य ने कहा, लेकिन अगर आप पूरी दुनिया में विवादित काव्य रामचरितमानस (Ramcharitmanas)  …जिसमें देश की महिलाओं और शूद्र समाज की तमाम जातियों को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर प्रताणित करने का काम किया गया, उसका पाठ करेंगे तो आप इन सभी को अपमानित करने के पक्षधर हैं, और इसीलिए सरकार ने सरकारी धन का खजाना खोल दिया।

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