नई दिल्ली। नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर जारी विवाद के बीच अब जनसंख्या राष्ट्रीय रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि एनआरसी और एनपीआर का कोई संबंध नहीं है, जबकि विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटा हुआ है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह पर हमला बोला है। उन्होंने इस मसले पर अमित शाह को गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ने की सलाह दी है। ओवैसी ने कहा कि, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में संबंध है।
वहीं, केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह इसको लेकर कहा है कि दोनों में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि, अमित शाह पहले अपने मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ लें। ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह को जिस रिपोर्ट को पढ़ने की सलाह दी है उससे जुड़ी एक प्रेस रिलीज भी उन्होंने जारी की है। 26 नवंबर 2014 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के हवाले से पीआईबी में लिखा गया है कि NRC के लिए NPR पहला कदम है।
ओवैसी गृह मंत्रालय के इसी बयान का हवाला देकर अमित शाह को घेर रहे हैं। न्यूज एजेंसी को दिए अपने इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनपीआर जनसंख्या का रजिस्टर है यानी देश में जो लोग भी रहते हैं यानी देश में जो लोग भी रहते हैं ये उनका रजिस्टर है। जबकि एनआरसी में हर व्यक्ति से प्रूफ मांगे जाते हैं कि आप इस देश के नागरिक हैं या नहीं। अमित शाह ने कहा है कि ये दोनों प्रक्रिया अलग-अलग हैं और एनपीआर का कोई भी डेटा एनआरसी में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।