निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए फौरन चुनाव कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की दलीलों को नहीं माना। वहीं, कोर्ट का फैसला आने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।
UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए फौरन चुनाव कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की दलीलों को नहीं माना। वहीं, कोर्ट का फैसला आने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।
विपक्षी नेताओं ने भाजपा सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि, आज BJP ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है।
आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है, कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी। आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछडों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील है।’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी घेरा
इस मुद्दे को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने भी भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, नगर निकाय चुनाव अधिसूचना में जानबूझकर की गई अनियमितता के फलस्वरुप पिछड़ी जातियों को आरक्षण से हाथ धोना पड़ा। आखिर पिछड़े वर्ग के लोग भाजपा की आरक्षण विरोधी नीति को कब समझेंगे।
शिवपाल यादव ने घेरा
इस मामले को लेकर शिवपाल यादव का भी बयान आया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि,
‘उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण की समाप्ति का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। सामाजिक न्याय की लड़ाई को इतनी आसानी से कमजोर होने नहीं दिया जा सकता है। आरक्षण पाने के लिए जितना बड़ा आंदोलन करना पड़ा था, उससे बड़ा आंदोलन इसे बचाने के लिए करना पड़ेगा। कार्यकर्ता तैयार रहें।’