नई दिल्ली। इस्लामिक सहयोग संगठन (आईओसी IOC) ने रविवार को कहा कि वह भारत में मुसलमानों को प्रभावित करने वाले ताजा घटनाक्रमों की नजदीक से निगरानी कर रहा है। इसके साथ ही संगठन ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) एवं अयोध्या फैसले (Ayodhya Verdict) पर चिंता जाहिर की है। इस्लामिक सहयोग संगठन पाकिस्तान समेत 57 देशों के मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है।
बयान में कहा गया है कि इस्लामिक देशों के निकाय ने भारत में हाल ही में आये संशोधित नागरिकता कानून तथा अयोध्या मामले पर चिंता जताई है। ओआईसी ने भारत सरकार से देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा उनके धार्मिक स्थालों की सुरक्षा करने का आग्रह किया है।
धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करने का आग्रह किया
IOC ने भारत सरकार से देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करने का आग्रह किया है। बाबरी मस्जिद मामले का ओआईसी का उल्लेख सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संबंधित था जिसमें उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में 2.77 एकड़ की साइट पर हिंदुओं के लिए एक मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए, जबकि मुसलमानों को संभावित मस्जिद बनाने के लिए एक वैकल्पिक भूमि मिलनी चाहिए।
बता दें कि नए नागरिकता संशोधन कानून के अंतर्गत बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के 6 अल्पसंख्यक समुदायों को जिनमें हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख से संबंधित लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है। पुराने कानून के मुताबिक किसी भी शख्स को भारतीय नागरिकता के लिए न्यूनतम 11 साल भारत में रहना पड़ता है। इस नए विधेयक में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह समयावधि घटाकर 6 साल कर दी गई है।
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में भी इस कानून का विरोध भी हो रहा है। यहां विरोध इसलिए भी है क्योंकि वो बांग्लादेश की सीमा के करीब स्थित हैं।