नई दिल्ली। सनातन धर्म में मकर संक्रांति की एक अलग महत्वता है। माना जाता है कि मकर संक्रांति में दान पुण्य व गंगा स्नान करने से कई गुना फल मिलता है। यही नही इस धर्म में मकर संक्रांति को मोक्ष की सीढ़ी बताया गया है। बताया जाता है कि इसी तिथि पर भीष्म पितामह को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। मकर संक्रांति पर इस बार शोभन योग में सूर्य का राशि परिवर्तन हुआ है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और शोभन योग में मकर संक्रांति होने से इसका महत्व काफी बढ़ गया है। आज स्नान के उपरांत नित्य कर्म तथा अपने आराध्य देव की आराधना की जाती है।
देश भर में आज काफी धूम धाम के साथ मकर संक्रांति मनाई जा रही है। इस दौरान गंगा स्नान के लिए लाखों लोग गंगा स्नान करने पंहुचे हैं। विशेष योग होने के चलते इस बार जप तप और श्राद्ध तर्पण का ये महापर्व काफी खास हो गया है। बताया जा रहा कि इस बार दान पुण्य और अनुष्ठान करने से तत्काल फल मिलेगा। आज माघ कृष्ण पंचमी है जिसकी वजह से एक विशेष योग बन रहा है। आज के दिन से सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण में हो जाते हैं और खरमास समाप्त हो जाता है। कहा जाता है खरमास के दिनो में किसी शुभ कार्य को नही किया जाता है।
सनातन धर्म में गंगा स्नान को मोक्ष का रास्ता माना जाता है और इसी कारण से लोग इस तिथि पर गंगा स्नान के साथ दान भी करते हैं। प्रयाग में कल्पवास भी मकर संक्रांति से शुरू होता है, इस दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है। आज के दिन सूर्य देव को प्रसन्न किया जाता है, सनातन धर्म में सूर्य को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन मकर संक्रांति को माना गया है, इसलिए आप बेला का फूल चढ़ा सकते हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है इसीलिए यह वर्ष का सर्वश्रेष्ठ दिन है।